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कौन हैं रिद्धि-सिद्धि? भगवान गणेश से क्या है इनका संबंध? काशी के ज्योतिषी से जानें सबकुछ


अभिषेक जायसवाल/ वाराणसी: गणेश उत्सव का आगाज हो गया है. आज से 10 दिनों तक बप्पा के भक्त धूमधाम से उनकी पूजा और आराधना करते हैं और इस उत्सव को मनाते हैं. गणपति बप्पा के साथ रिद्धि सिद्धि की पूजा भी की जाती है. कौन है ये रिद्धि सिद्धि? गणपति बप्पा से क्या है इनका रिश्ता? इनके पूजा से क्या मिलता है लाभ? आइये जानते हैं इन सभी सवालों के सही जवाब काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित संजय उपाध्याय से.

पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि भगवान गणेश प्रथम पूजनीय देवता हैं, इनकी पूजा से विघ्न और जीवन की बाधाएं दूर होती हैं. धार्मिक कथाओं के अनुसार भगवान गणेश के साथ यदि रिद्धि और सिद्धि की पूजा की जाए तो बुद्धि, ज्ञान, धन, धान्य और शुभता की भी प्राप्ति होती है.

रिद्धि सिद्धि का महत्व

रिद्धि और सिद्धि ब्रह्मा जी की पुत्री और भगवान गणेश की पत्नी है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रिद्धि की पूजा से बुद्धि और ज्ञान बढ़ता है और सिद्धि की पूजा से भौतिक सफलता मिलती है.यानी मनुष्य धन धान्य प्राप्त करता है.

सभी संकट और बाधा होती  है दूर

यदि गणेश जी के साथ इनकी पूजा की जाए तो मनुष्य को जीवन में शुभ और लाभ दोनों ही सहजता से प्राप्त होता है और जीवन पर आने वाली सभी बाधाएं और संकट भी दूर हो हो जाते हैं. इसलिए गणपति बप्पा के साथ रिद्धि सिद्धि की पूजा भी जरूर करनी चाहिए.

इस कारण हुआ था दो विवाह

धार्मिक कथाओं का अनुसार एक बार गणपति जी तपस्या कर रहे थे. तभी तुलसी जी वहां से गुजर रही थी. तुलसी जी उन्हें देखकर मोहित हो गई. वह उनसे विवाह करना चाहती थी. लेकिन गणेश जी ब्रह्मचारी थे उन्होंने उनके विवाह का प्रस्ताव ठुकरा दिया, जिससे नाराज होकर तुलसी जी ने उन्हें दो स्त्री से विवाह का श्राप दिया .जिसके कारण ब्रह्मा जी की पुत्री रिद्धि और सिद्धि से उनका विवाह हुआ और इन दोनों पत्नियों से उन्हें शुभ और लाभ के रूप में दो पुत्र भी प्राप्त हुए.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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