Thursday, April 24, 2025
27.8 C
Surat

क्या घर में पढ़ी जा सकती है जुमे और ईद की नमाज? जानें क्या है शरीयत के नियम!


Last Updated:

Ramadan 2025 : इस्लाम में नमाज़ का खास महत्व है. इस्लाम में गहरी आस्था वाले तो दिन में 5 बार नमाज़ तक पढ़ते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि नमाज़ पढ़ने के अपने नियम हैं. क्या जुमे और ईद की नमाज घर पर पढ़ी जा सकती है?…और पढ़ें

X

क्या

क्या घर में नमाज़ अदा की जासकती है, या मस्जिद मे अदा करना ज़रूरी है

हाइलाइट्स

  • ईद की नमाज घर पर नहीं पढ़ी जा सकती.
  • जुम्मे की नमाज मस्जिद में ही अदा करनी होती है.
  • घर पर 5 वक्त की नमाज पढ़ी जा सकती है.

अलीगढ़. इस्लाम में नमाज़ एक महत्वपूर्ण इबादत है, जिसे हर मुसलमान पर फर्ज किया गया है. लेकिन यह सवाल अक्सर उठता है कि क्या घर में नमाज़ अदा करना सही है, या इसे मस्जिद में पढ़ना जरूरी है? इस विषय पर इस्लामी शिक्षाओं और हदीसों में स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए हैं. हालांकि, कुछ परिस्थितियों में घर पर नमाज़ पढ़ने की अनुमति दी गई है, लेकिन मस्जिद में जमात के साथ नमाज़ अदा करने को अधिक महत्व दिया गया है. Bharat.one ने इन सवालों के जवाब जानने के लिए मुस्लिम धर्म गुरु मौलाना उमेर खान से बात की कि कब और किन परिस्थितियों में घर में नमाज़ अदा की जा सकती है और मस्जिद में नमाज़ पढ़ने के क्या फायदे और क्यों ज़रूरी हैं.

इस्लामिक स्कॉलर मौलाना उमेर खान बताते हैं कि अगर बात ईद की नमाज की की जाए तो यह नमाज वाजिब होती है और यह ईद की नमाज ईदगाह या फिर बड़ी मस्जिदों में ही अदा की जाती है. यह नमाज अकेले नहीं पढ़ी जाती, अगर किसी की नमाज निकल गई तो वह इस नमाज की कजा भी नहीं पढ़ सकता. इसीलिए ईद की नमाज ईदगाह या बड़ी मस्जिदों में अदा की जाती है. यह कोई घर का कानून नहीं है कि नमाज घरों में अदा की जाए, यह कुरान और इस्लाम का कानून है. इसीलिए इसके तहत हमें काम करना है.

जुम्मे की नमाज पर लागू होगा ये नियम
मौलाना उमेर खान ने बताया कि आम दिनों में जो 5 वक्त की नमाज पढ़ी जाती है, उन्हें घरों में पढ़ा जा सकता है क्योंकि उनकी कज़ा है. वह फर्ज नमाजें हैं, उनका पढ़ना जरूरी है. बेहतर यही होता है कि जमात (समूह में नमाज़ पढ़ना) के साथ मस्जिद में अदा की जाए, लेकिन अगर किसी मजबूरी के तहत या जमात निकल जाने की वजह से घर में पढ़ी जाए तो पढ़ सकते हैं. लेकिन जुम्मे की नमाज घर पर अदा नहीं की जा सकती, उसके लिए आपको मस्जिद में ही जमात के साथ नमाज पढ़नी होती है.

घर पर कर सकते हैं ये उपाय
अगर किसी वजह से किसी की जुम्मे की नमाज मस्जिद में जमात के साथ नहीं अदा की गई तो वह सिर्फ जौहर की नमाज पढ़ सकता है, उसको जुम्मे की नमाज का सवाब नहीं मिलता. इस्लाम में जमात के साथ मस्जिद में जुम्मे की नमाज पढ़ने का बहुत महत्व है. हां, अगर घर पर ही नमाज अदा करनी है तो 4 -5 लोग मिलकर घर पर ही जमात बनाकर नमाज पढ़ सकते हैं और अकेले भी घर में नमाज पढ़ सकते हैं, लेकिन बेहतर और अव्वल तरीका मस्जिद में जमात के साथ नमाज पढ़ना ही है.

homedharm

क्या घर में पढ़ी जा सकती है जुमे और ईद की नमाज? जानें क्या है शरीयत के नियम!

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

Hot this week

Topics

spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img