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Daan Ke Niyam: रांची के ज्योतिषाचार्य संतोष कुमार चौबे ने बताया कि दान करते समय कुछ बातों का ख्याल करना चाहिए. अगर इन नियमों का पालन नहीं करते हैं, तो आपको काफी बढ़ा नुकसान हो सकता है.

अगर आप भी दान देते हैं किसी को, तो हो जाएं सावधान भूल कर भी ना करें यह गलती, जान
हाइलाइट्स
- दान करते समय कुंडली के अशुभ भाव देखें.
- लग्नेश, पंचम व भाग्य स्थान से संबंधित दान न करें.
- दान देने से पहले ज्योतिष से परामर्श लें.
रांची. कई बार व्यक्ति जाने अनजाने कुछ भी दान कर देता है. कभी कपड़े, तो कभी किसी को दूध ही दे देता है, लेकिन यूं ही दान नहीं करना चाहिए. ज्योतिष बताते हैं, पहले आपको अपनी कुंडली देखनी चाहिए, या फिर कुंडली में कौन से ग्रह निर्बल है. खासतौर पर 6,8,12 भाव में कौन से ग्रह बैठे हैं. वह जरूर देखना चाहिए और इन ग्रहों से संबंधित चीज ही व्यक्ति को दान करना चाहिए. इसके पीछे एक वजह भी है.
रांची के ज्योतिष आचार्य संतोष कुमार चौबे (रांची यूनिवर्सिटी से ज्योतिष शास्त्र में गोल्ड मेडलिस्ट) ने Bharat.one को बताया कि यह तीनों ही भाव कुंडली के अशुभ भाव में से माना जाता है. क्योंकि छठा भाव रोग का है, तो 12 वां भाव हॉस्पिटल का है, तो आठवां अचानक से आने वाली आपदा का है.
इन चीजों का करें दान
ऐसे में अगर आप इन तीनों से रिलेटेड, जो ग्रह बैठे हुए हैं. उनके अनुसार दान करते हैं, तो यह ग्रह आपको उतना नुकसान नहीं पहुंचा पाएंगे. आप ऐसे समझ लीजिए कि आपका छठे भाव में जो रोग भाव है. उसमें बैठे हुए हैं गुरु, तो आपको गुरु को और कमजोर करना है. क्योंकि गुरु मजबूत करेंगे, तो रोग भाव को और एक्टिवेट कर देंगे. ऐसे में उनसे संबंधित चीज जैसे पीला चना, गुड़ या पीली वस्तु, कॉपी बुक, पेन यह सारी चीज अगर आप दान करते हैं, तो वह करें कमजोर होते हैं और उतना परेशान नहीं करेंगे.
इस तरीके से अगर मान लीजिए अष्टम भाव में यानी आठवें भाव में बुध या फिर सूर्य बैठे हैं, तो फिर आप अपनी बुद्धि से दूसरों की मदद कर सकते हैं. फ्री में कंसल्टेंसी, सेमिनार, वर्कशॉप इस तरह की चीज कीजिए. आप इन तीनों भाव से रिलेटेड जो भी गृह बैठे हैं उस चीज का दान दीजिए. इससे यह तीनों ही निर्बल होंगे और आपको इन तीनों अशुभ घरों का प्रभाव कम देखने को मिलेगा.
इन चीजों का दान भूलकर भी ना करें
व्यक्ति को खासतौर पर अपने लग्नेश, पंचम व भाग्य स्थान से रिलेटेड ग्रह का दान नहीं देना चाहिए. क्योंकि, लग्नेश आपकी पूरी पर्सनालिटी आपके पूरे बॉडी का होता है. अगर आप उससे संबंधित दान देंगे, यानी आप अपने शरीर को ही खोखला कर रहे हैं. आप अपने लगन को ही दान में दे रहे हैं.व हीं, पंचम भाव संतान व शिक्षा का होता है.
तो ऐसे में आप अपनी शिक्षा को दान में नहीं दे सकते व भाग्य का भी दान नहीं देना चाहिए. मान लीजिए भाग्य स्थान में अगर शनि देव बैठे हैं, तो लोहा, सरसों तेल यह सारी चीजों का दान ना दें. वहीं, लग्नेश में अगर चंद्र बैठे हुए हैं, तो दूध दही इन सब चीजों का दान ना दें. इस तरीके से दान देते समय भी कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है. ज्योतिष आचार्य से परामर्श के लिए इस नंबर पर 6200403916 संपर्क करें.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.