छतरपुर: सनातन धर्म में भगवान गणेश को प्रथम पूज्य माना गया है. बुद्धि के दाता और यश वैभव देने वाले भगवान गजानन की पूजा अर्चना का 10 दिवसीय महोत्सव शनिवार से शुरू हो गया है. 10 दिनों तक लोग भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित कर विधिविधान से पूजा अर्चना करेंगे. अनंत चतुर्दशी को भक्तिभाव के साथ भगवान गजानन अगले वर्ष फिर आने का आशीर्वाद देकर विदा होंगे.
इस मुहुर्त पर करें गणेश मूर्ति स्थापना
गणेश महोत्सव के संबंध में पं.सौरभ तिवारी ने बताया कि पंंचांग के अनुसार भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से श्रीगणेश महोत्सव प्रारंभ होता है. हिन्दू धर्म में भगवान गणेश को प्रथम देवता के रूप में माना जाता है. उन्होंने बताया कि भगवान गणेश की मूर्ति स्थापना का मुहूर्त सुबह साढ़े 7 बजे से दोपहर पौने दो बजे तक है एवं शाम को साढ़े 5 बजे से देर रात तक है. भगवान गणेश की प्रतिमा 10 दिनों के साथ-साथ 5 से 7 दिनों तक भी स्थापित की जाती है. लोग अपनी परिस्थितियों के अनुसार प्रथम पूज्य की मूर्ति स्थापित करते हैं.
भगवान गणेश को अवश्य चढ़ाएं दूर्वा
पंडित जी के अनुसार भगवान गणेश की पूजा में दूर्वा को अवश्य स्थान मिलना चाहिए. दूर्वा से स्नान कराने एवं दूर्वा की माला समर्पित करने से विशेष पुण्य फल प्राप्त होता है.
भगवान गणेश के 1088 नामों का करें स्मरण
पंडित जी ने यह भी बताया कि भगवान गणेश के 1008 नामों का स्मरण करना चाहिए. बुद्धि और धन के दाता भगवान गणेश को मोदक अतिप्रिय हैं इसलिए प्रसाद में मोदक समर्पित करना चाहिए.
FIRST PUBLISHED : September 7, 2024, 13:42 IST
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