ऋषिकेश: मोरपंख भारतीय संस्कृति और परंपरा में विशेष महत्व रखता है. इसे सौंदर्य, शांति और आध्यात्मिकता का प्रतीक माना जाता है. प्राचीन कथाओं में भगवान कृष्ण के मुकुट में मोरपंख को देखा जाता है, जो उनकी दिव्यता और सरलता का प्रतीक है. मोरपंख को सौभाग्य और सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत भी माना जाता है और इसे घरों में शुभ चिन्ह के रूप में रखा जाता है. इसके रंग-बिरंगे, आकर्षक और अद्वितीय पैटर्न इसे और भी खास बनाते हैं. मोरपंख का उपयोग सजावट, पूजा और सांस्कृतिक उत्सवों में भी किया जाता है, जो इसके महत्व को और बढ़ाता है. मोर पंख से जुड़े कुछ उपाय घर पर करने से धन की वृद्धि होती है.
वास्तु शास्त्र में मोरपंख का महत्व
Bharat.one के साथ बातचीत के दौरान उत्तराखंड में स्थित ऋषिकेश के स्थानीय निवासी ज्योतिषी अजय कोठारी ने बताया कि मोरपंख भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है. पौराणिक कथाओं में भगवान श्रीकृष्ण का मुकुट मोरपंख से सजा होता है, जो उनके दिव्य स्वरूप को दर्शाता है. मोरपंख को घर में रखने से सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि का आगमन होता है. इसलिए इसे शुभ माना जाता है. इसके अनोखे रंग और डिज़ाइन इसे और आकर्षक बनाते हैं. धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों में मोरपंख का विशेष स्थान होता है. इसे पूजा स्थल, चित्रकला और अन्य सजावटी वस्तुओं में भी प्रमुखता से उपयोग किया जाता है. वास्तु शास्त्र में मोरपंख का विशेष महत्व है. इसे सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है. घर में मोरपंख रखने से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं और शांति का माहौल बना रहता है. इसे मुख्यतः उत्तर-पश्चिम दिशा में रखने से सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य में सुधार होता है. मोरपंख को बच्चों के अध्ययन कक्ष में रखने से उनकी एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ती है. साथ ही, यह वास्तु दोषों को दूर करने और घर में सौभाग्य लाने में सहायक होता है.
वास्तु शास्त्र में मोरपंख के उपाय
आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए वास्तु शास्त्र में मोरपंख के कई उपाय बताए गए हैं. घर या व्यवसाय स्थल की तिजोरी या धन स्थान पर मोरपंख रखने से धन में वृद्धि होती है और आर्थिक स्थिरता बनी रहती है. इसे उत्तर दिशा में रखने से व्यवसाय में उन्नति और लाभ के अवसर बढ़ते हैं. यदि आर्थिक परेशानियां लगातार बनी रहती हैं, तो मोरपंख पर केसर से “श्री” लिखकर उसे पूजा स्थल या घर की तिजोरी में रखें. यह उपाय धन वृद्धि के साथ-साथ वास्तु दोषों को भी दूर करता है और समृद्धि के नए मार्ग खोलता है.
FIRST PUBLISHED : September 20, 2024, 13:56 IST
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