पितृपक्ष की शुरुआत 17 सितंबर से हो रही है. इसे हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण समय माना जाता है. इस अवधि में, कई ऐसे संकेत मिलते हैं जो यह दर्शाते हैं कि आपके पूर्वज (पितर) आपसे प्रसन्न हैं और आपके जीवन की समस्याएं जल्द ही समाप्त हो सकती हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितृपक्ष के दौरान पूर्वज एक बार फिर धरती पर आते हैं, इसलिए उनके शांति और मोक्ष के लिए तर्पण किया जाता है.
पितरों के प्रसन्न होने के संकेत:
गया मंत्रालय वैदिक पाठशाला के पंडित राजा आचार्य ने Bharat.one को बताया कि पितृपक्ष में कुछ विशेष संकेत मिलते हैं जो यह दर्शाते हैं कि आपके पितर खुश हैं:
घर में खुशहाली: यदि घर में लगातार शुभ कार्य हो रहे हैं और पहले जो विवाद थे, वे समाप्त हो गए हैं, तो यह संकेत है कि आपके पितर प्रसन्न हैं.
बच्चे का जन्म: अगर पितृपक्ष के दौरान आपके घर में किसी बच्चे का जन्म होता है, तो यह माना जाता है कि पितर पुनर्जन्म लेकर आपके घर में आए हैं.
जानवरों का भोजन ग्रहण करना: यदि कोई जानवर, जैसे गाय, कुत्ता, बिल्ली, बकरी या भैंस, आपके द्वारा रखा हुआ भोजन प्रेमपूर्वक ग्रहण करके चला जाता है, तो यह भी पितरों के प्रसन्न होने का संकेत माना जाता है.
कौए का आना: यदि आपके घर के आंगन, छत, या खिड़की पर कौआ आकर “कांव-कांव” करता है, तो यह भी पितरों के खुश होने का प्रतीक है. कौए को यमराज का दूत माना जाता है, और ऐसी मान्यता है कि वह यमलोक से पितरों का संदेश लेकर आता है.
पितृपक्ष के दौरान इन संकेतों का दिखना शुभ माना जाता है, और इसे आपके जीवन में उन्नति का संकेत माना जाता है. पितरों की कृपा और आशीर्वाद से जीवन की कई कठिनाइयाँ दूर हो सकती हैं.
FIRST PUBLISHED : September 13, 2024, 08:40 IST