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घर ले आएं बप्पा की ऐसी मूर्ति संकट होंगे दूर! खरीदने जाएं तो सूंड की दिशा के साथ रंग का भी रखें ध्यान


देवघर: भाद्रपद महीना भगवान गणेश को समर्पित रहता है. इसी महीने की चतुर्थी तिथि से भगवान गणेश दस दिवसीय उत्सव शुरू होता है. पूरे देश में गणेश उत्सव की धूम होती है. मान्यता है कि भगवान गणेश प्रथम पूज्य हैं और उनकी पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि की वृद्धि होती है. श्री गणेश को संकट हर्ता भी कहा जाता है, जो प्रसन्न होने पर भक्तों के संकट हर लेते हैं. वहीं, गणेश उत्सव में अगर आप पहली बार बप्पा की मूर्ति घर पर स्थापित कर रहे हैं तो कुछ बातों का खास ध्यान जरूर रखें.

देवघर के ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने Bharat.one को बताया कि हर साल भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश उत्सव की शुरुआत होती है. भगवान गणेश को प्रथम पूज्य भी कहा जाता है, बिना इनकी पूजा किए किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत नहीं मानी गई है. इस साल गणेश चतुर्थी 7 सितंबर को है. उसी दिन घर में मूर्ति स्थापित कर पूजा आराधना की जाएगी. बप्पा की मूर्ति खरीदते वक्त कुछ बातों का ध्यान रखें, नहीं तो नकारात्मक असर पड़ सकता है.

मूर्ति खरीदते वक्त रहे ये ख्याल
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि जब भी आप बप्पा की मूर्ति खरीदने जाएं तो सफेद और लाल सिंदूरी रंग की मूर्ति ही चयन करें. साथ ही बप्पा की मूर्ति में मूषक की सवारी अवश्य हो. यह भी ध्यान रखें कि मूर्ति का एक हाथ आशीर्वाद मुद्रा में हो और दूसरे हाथ में मोदक या फिर लड्डू अवश्य होना चाहिए. सबसे अहम बात ये कि मूर्ति मे बप्पा की सूंड बाईं ओर झुकी हो. गणेश जी की सूंड जिस मूर्ति में दाहिनी और झुकी होती है, माना जाता है कि उस मूर्ति मे तंत्र की पूजा होती है.

दिशा का रखें ध्यान
भगवान गणेश की मूर्ति भूलकर भी दक्षिण दिशा में नहीं लगानी चाहिए. भगवान गणेश की मूर्ति जब भी लगाएं उत्तर या पूर्व दिशा में ही स्थापित करें. ऐसा करने से साक्षात भगवान गणेश आपके घर में वास करेंगे.

गणेश पूजा विधि
भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करने के बाद मूर्ति में और आसपास की जगह पर गंगाजल का छिड़काव कर शुद्ध करें. उसके बाद षोडशोपचार विधि से भगवान गणेश की पूजा करें. वहीं, भोग में भगवान गणेश को मोदक या लड्डू का भोग लगाएं. ऐसा करते हैं तो भगवान गणेश प्रसन्न होंगे और घर में किसी भी प्रकार के संकट का आगमन नहीं होगा.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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