जयपुर को “छोटी काशी” कहा जाता है क्योंकि यहां हर सड़क और चौराहे पर कोई न कोई प्रसिद्ध मंदिर स्थित है, जिसकी विशेष मान्यता उसे अन्य मंदिरों से अलग बनाती है. जयपुर में हनुमान जी के कई मंदिर हैं, लेकिन एक विशेष मंदिर ऐसा है जहां हनुमान जी केसरिया रंग के बजाय काले रूप में विराजमान हैं. इस अनोखे मंदिर को “काले हनुमानजी” के नाम से जाना जाता है, और यह जयपुर के हवामहल के पास चांदी की टकसाल में स्थित है.
काले हनुमानजी मंदिर की विशेषता
यह मंदिर अपनी अनोखी बनावट और ऐतिहासिक महत्व के कारण प्रसिद्ध है. मंगलवार के दिन यहां हनुमान जी के भक्तों की बड़ी भीड़ उमड़ती है. मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति पूर्वमुखी है और इसे जयपुर के बसावट के समय बनाया गया था, इसलिए इसकी डिजाइन महल की तरह है.
काले हनुमान जी की मूर्ति
यह मंदिर देशभर में ऐसा एकमात्र स्थान है जहां हनुमान जी की मूर्ति काले रंग में है. इस मूर्ति के बारे में स्थानीय बुजुर्गों और पौराणिक कथाओं के अनुसार, हनुमान जी ने अपने गुरु सूर्य देव को गुरु दक्षिणा देने के समय शनि महाराज की इच्छा के अनुसार काला रंग धारण किया था. इस कारण मंदिर में हनुमान जी काले रूप में विराजमान हैं.
अनोखी परंपरा: नजर का डोरा
इस मंदिर में हनुमान जी के काले स्वरूप के अलावा एक और विशेष परंपरा है, जो इसे और भी खास बनाती है. यहां हनुमान जी के आशीर्वाद से बना “नजर का डोरा” विशेष रूप से बच्चों के लिए तैयार किया जाता है. इस डोरे की मान्यता है कि यह बच्चों को बुरी नजर से बचाता है और उनके स्वास्थ्य की रक्षा करता है.
इस चमत्कारी डोरे को प्राप्त करने के लिए लोग न केवल भारत के विभिन्न हिस्सों से, बल्कि विदेशों से भी यहां आते हैं. यह डोरा इस मंदिर की एक विशेष पहचान बन गया है, और इसी कारण लोग इस मंदिर में सबसे ज्यादा आते हैं.
FIRST PUBLISHED : August 27, 2024, 10:45 IST