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जन्माष्टमी पर घर में रखते हैं लड्डू-गोपाल की मूर्ति…इन 5 नियमों का रखें ध्यान


ऋषिकेश : सनातन धर्म में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व बहुत धूमधाम के साथ मनाया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है. धार्मिक मान्यता के मुताबिक इस तिथि पर भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था. गौरतलब है कि कृष्ण जन्माष्टमी 26 अगस्त को मनाई जाएगी. इस दिन घरों में झाकियां सजाई जाती है, भजन-कीर्तन किए जाते हैं. साथ ही भगवान कृष्ण की मूर्ति भी स्थापित की जाती है. लड्डू गोपाल को अगर आप भी अपने घर में रखना चाहते हैं तो इसका भी एक सही तरीका है. कुछ खास नियमों का पालन करते हुए आप बाल गोपाल को अपने घर में रख सकते हैं. कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर जानें कि लड्डू गोपाल की मूर्ति को वास्तु शास्त्र के तर्ज पर कैसे अपने घर में रखें

भगवान कृष्ण को घर में लाने और स्थापित करने के लिए कुछ विशेष नियमों का पालन किया जाता है. सबसे पहले, घर को साफ-सुथरा रखा जाता है और शुद्ध किया जाता है. मूर्ति या तस्वीर को शुभ मुहूर्त में घर लाना चाहिए. स्थापित करने की सही दिशा बहुत जरूरी है. मूर्ति को स्थापित करते समय हल्दी, चंदन, और फूलों से पूजन करें. इसके साथ ही उनकी सेवा भी छोटे बालक की तरह करनी चाहिए. उनके भोग का ध्यान खासतौर पर रखना चाहिए.

इस दिशा में करें श्री कृष्ण की मूर्ति स्थापित
Bharat.one के साथ बातचीत के दौरान उत्तराखंड के ऋषिकेश में स्थित श्री सच्चा अखिलेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी शुभम तिवारी ने बताया कि :

  • श्री कृष्ण को घर में लाने और स्थापित करने के लिए शुभ मुहूर्त का चयन करना आवश्यक है. विशेष रूप से जन्माष्टमी के दिन. इस साल जन्माष्टमी 26 अगस्त को मनाई जाएगी.
  • श्री कृष्ण की मूर्ति को भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को, शुभ समय में घर लाना चाहिए.
  • मूर्ति को घर के पूजा स्थल में या उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करना सबसे उचित माना जाता है.
  • मूर्ति स्थापना से पहले घर को शुद्ध करें और पूजा स्थल को साफ करें.
  • मूर्ति स्थापित करते समय मंत्रों का उच्चारण करें, धूप-दीप जलाएं, और भगवान को वस्त्र, फूल, और भोग अर्पित करें. ऐसे पूजा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा और दिव्य वातावरण का निर्माण होता है.

ऐसे लगाए श्री कृष्ण को भोग
पुजारी शुभम तिवारी ने बताया कि भगवान कृष्ण को भोग लगाने की प्रक्रिया में भक्ति और शुद्धता का विशेष महत्व होता है. सबसे पहले, भोग तैयार करने से पहले खुद को शुद्ध करें और भगवान का ध्यान करते हुए पकवान बनाएं. भोग में माखन-मिश्री, फल, पंचामृत, पंजीरी, और अन्य मिठाइयां शामिल करें. भोग को एक साफ और पवित्र थाली में सजाएं, फिर उसे पूजा स्थल पर भगवान कृष्ण के सामने रखें. इसके बाद, भगवान की आरती करें और उन्हें भोग अर्पित करते हुए कुछ समय तक ध्यान करें. भोग अर्पण के बाद, कुछ देर के लिए इसे वहीं छोड़ दें ताकि भगवान उसे स्वीकार कर सकें. अंत में, प्रसाद के रूप में भोग ग्रहण करें और घर के सभी सदस्यों में बांटें.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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