देवघर: सनातन धर्म में जन्माष्टमी पर्व का बेहद खास महत्व है. इस दिन श्री हरि के बाल स्वरूप लड्डू गोपाल की पूजा की जाती है. मान्यता है कि द्वापर युग में जब श्रीकृष्ण अवतार हुआ था, तो उस दिन को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी कहा गया. ऐसा भी माना जाता है कि पुत्र संतान की कामना रखने वाले दंपति को इस दिन लड्डू गोपाल की पूजा विधि विधान के साथ अवश्य करनी चाहिए, इससे मनोकामना पूर्ण होती है. वहीं, इस बार जन्माष्टमी पर खास संयोग बन रहा है. ज्योतिषियों का मानना है कि ऐसा ही संयोग द्वापर युग में बना था.
देवघर के पागल बाबा आश्रम स्थित मुद्गल ज्योतिष केंद्र के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने Bharat.one को बताया कि जन्माष्टमी हर साल भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है. इस साल जन्माष्टमी 26 अगस्त को है. इस दिन लड्डू गोपाल की पूजा विधि विधान के साथ करनी चाहिए. उनके पसंदीदा व्यंजन का भोग लगाना चाहिए. सुंदर और नए वस्त्र पहनाने चाहिए. वहीं, इस साल जन्माष्टमी पर अद्भुत संयोग भी बनने जा रहा है. इस दिन कुछ उपाय करने से भक्तों की मुराद जरूर पूरी होगी.
इस समय कराएं कृष्ण जन्म
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि इस साल जन्माष्टमी पर द्वापर युग जैसा संयोग बनने जा रहा है. ऐसे में श्रीकृष्ण की पूजा का फल कई गुना अधिक होगा. द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में चंद्रमा उदय के बाद अर्धरात्रि में हुआ था. इस साल भी ऐसा ही शुभ संयोग बनने जा रहा है. इसलिए जन्माष्टमी पर इस साल कृष्ण भगवान का जन्म चंद्रोदय के बाद रात 11 बजकर 05 मिनट के बाद ही कराएं.
इस दिन जरूर करें ये कार्य
जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप लड्डू गोपाल का जन्म खीरे को काटकर कराया जाता है. इस बार चांदी के सिक्के से खीरे को काटकर लड्डू गोपाल का जन्म कराएं. साथ ही शंख बजाकर लड्डू गोपाल के आने की खुशियां मनाएं. क्योंकि, भगवान विष्णु की पूजा में शंख अवश्य बजाना चाहिए.
FIRST PUBLISHED : August 19, 2024, 13:15 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.