ऋषिकेश: कृष्ण जन्माष्टमी हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जिसे भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है. यह पर्व भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन भक्त उपवास रखते हैं, मंदिरों में श्रीकृष्ण की झांकियां सजाई जाती हैं, और आधी रात को भगवान के जन्म का उत्सव मनाया जाता है. श्रीकृष्ण को मक्खन, मिश्री, और फल अर्पित किए जाते हैं. भजन-कीर्तन और गीता पाठ से वातावरण भक्तिमय हो उठता है. वहीं जन्माष्टमी का त्योहार उत्साह, उमंद और आनंद का पर्व है. इस दिन व्रत कर कुछ खास रंगों के वस्त्र पहनने से श्रीकृष्ण प्रसन्न होते हैं.
Bharat.one के साथ बातचीत के दौरान उत्तराखंड के ऋषिकेश में स्थित श्री सच्चा अखिलेश्वर महादेव के पुजारी शुभम तिवारी ने बताया कि इस साल कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 26 अगस्त को मनाया जाएगा. भजन-कीर्तन और गीता पाठ से वातावरण भक्तिमय हो जाता है. मध्यरात्रि, जो श्रीकृष्ण का जन्म समय माना जाता है, पर विशेष पूजा और आरती की जाती है. जन्माष्टमी का त्योहार उत्साह, उमंद और आनंद का पर्व है. इस दिन व्रत कर कुछ खास रंगों के वस्त्र पहनने से श्रीकृष्ण प्रसन्न होते हैं
ये हैं श्री कृष्ण के पसंदीदा रंग
पुजारी शुभम तिवारी ने बताया कि कृष्ण जन्माष्टमी पर महिलाएं और पुरुष भगवान कृष्ण के पसंदीदा रंग पहन सकते हैं, जो इस त्योहार की भक्ति और श्रद्धा को दर्शाता है. श्रीकृष्ण को पीला, गुलाबी, मोरपंखी रंग बहुत प्रिय है, इसलिए महिलाएं पीले या सुनहरे रंग की साड़ी या अन्य वस्त्र पहन सकती हैं. इसके अलावा, नीला रंग भी कृष्ण से जुड़ा है, इसलिए नीले रंग के वस्त्र भी पहन सकती हैं. पुरुष भी पीले, सफेद, या नीले रंग के कपड़े, जैसे कुर्ता-पायजामा या धोती-कुर्ता पहन सकते हैं.ये रंग भगवान कृष्ण की दिव्यता और उनकी लीलाओं का प्रतीक माने जाते हैं. इन रंगों के वस्त्र पहनकर कृष्ण जन्माष्टमी के उत्सव में भाग लेने से भक्तों को भगवान की कृपा प्राप्त होती है.
FIRST PUBLISHED : August 21, 2024, 14:14 IST