Friday, October 11, 2024
32 C
Surat

जन्माष्टमी पर बेहद दुर्लभ संयोग, वही योग, जिसमें जन्मे थे बांके बिहारी, आप लें ऐसे लाभ-Very rare coincidence on Janmashtami, same yoga in which Banke Bihari was born, you should avail such benefits


पटना. इस बार का श्रीकृष्ण जन्माष्टमी कई मायनों में बेहद खास है. सबसे बड़ी वजह है दुर्लभ महायोग. जी हां, इस बार वैसा ही महायोग बन रहा है जैसा द्वापर युग में कन्हैया के जन्म के समय बना था. पटना के मशहूर ज्योतिषीविद डॉ. श्रीपति त्रिपाठी ने बताया कि इस बार जन्माष्टमी पर दुर्लभ योग बन रहा है. द्वापर युग में भगवान कृष्ण रोहिणी नक्षत्र में पैदा हुए थे और अष्टमी तिथि का संयोग भी था. ऐसा ही ये संयोग अबकी बार भी बनता नजर आ रहा है जो दुर्लभ योग है.

इस बात की पुष्टि मंदार मधुसूदन के दरबार पुजारी पंडित अवधेश ठाकुर ने भी की है. वर्षों बाद ऐसा महासंयोग आ रहा है, जब भगवान श्री कृष्ण के जन्म वर्ष का योग मिल रहा रहा है. ग्रह नक्षत्र दिन सब कुछ भगवान कृष्ण के जन्म वर्ष के साथ मिलन हो रहा है. इसलिए इस बार काफी पुण्यदायी दिन साबित होने वाला है. जयपुर के पंडित घनश्याम शर्मा ने भी इस दुर्लभ महासंयोग का जिक्र किया है.

दो दिन मनेगा कन्हैया का जन्मोत्सव
मशहूर ज्योतिषीविद डॉ. श्रीपति त्रिपाठी के अनुसार भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि एवं रोहिणी नक्षत्र के सुयोग में 26 अगस्त को गृहस्थ लोग भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाएंगे वहीं 27 अगस्त को औदयिक अष्टमी एवं रोहिणी नक्षत्र में वैष्णव समाज के लोग इस उत्सव को मनाएंगे.

जन्माष्टमी पर जयंती योग, बव करण, वृष लग्न, रोहिणी नक्षत्र के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बना रहेगा. इस दिन श्रीकृष्ण के साथ माता देवकी, वासुदेव, बलदेव, नंद, यशोदा की पूजा अर्चना होगी. 26 अगस्त, सोमवार को सप्तमी तिथि दिन 8:20 बजे समाप्त होकर अष्टमी तिथि लग जायेगी तथा रात्रि 09:10 बजे से रोहिणी नक्षत्र भी प्रारम्भ हो जायेगी. इस प्रकार अष्टमी तिथि-रोहिणी नक्षत्र ‘जयन्ती योग’ बना रहा है.

मनोकामना पूर्ति के लिए करें यह उपाय
जन्माष्टमी के दिन सूर्य और चंद्रमा उच्च राशि में रहेंगे. ज्योतिष शास्त्र में रोहिणी नक्षत्र को शुभ, उदार, मधुर और मनमोहक माना गया है. यह दिन जप, तप, साधना और खरीदारी के लिए विशेष रूप से अनुकूल होता है. इस दिन घर में पूजा करने से परिवार में सुख-समृद्धि बढ़ती है और धन की प्राप्ति होती है.

धन और वंश वृद्धि के लिए पीले फूलों पर इत्र लगाकर भगवान को अर्पित करें. वैवाहिक और कानूनी मामलों में सफलता के लिए हल्दी और केसर चढ़ाएं. स्वास्थ्य लाभ के लिए गुड़ से बनी खीर और हलवा का भोग लगाएं. सौंदर्य और निरोग शरीर के लिए माखन और दूध से बनी वस्तुओं का प्रसाद चढ़ाएं.

यह है पूजा की शुभ मुहूर्त
स्थिर लग्नः रात्रि 10:27 से 11:51 बजे तक
निशीथ लग्नः मध्यरात्रि 12:01 से 12:45 बजे तक
निशिता पूजा की अवधि 44 मिनट है. इस दौरान गोपाल सहस्त्रनाम, विष्णु सहस्त्रनाम और मधुराष्टकम का पाठ कर सकते हैं.

Hot this week

मार्केट में ठीक दिखने वाले फल और सब्जी हो सकते हैं खतरनाक

Hybrid Vegetables-Fruit Disadvantages: बाजार में दिखने वाली हर...

Topics

मार्केट में ठीक दिखने वाले फल और सब्जी हो सकते हैं खतरनाक

Hybrid Vegetables-Fruit Disadvantages: बाजार में दिखने वाली हर...
spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img