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जन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल को लगाएं इसका भोग, खूब प्रसन्न होंगे कान्हा, पंडित से जानें सबकुछ


फरीदाबाद: इस साल जन्माष्टमी सोमवार यानी 26 अगस्त को मनाई जाएगी.  इसको मनाने के पीछे पौराणिक कथा है. पंडित नंदलाल की माने तो इस साल 26 अगस्त को तड़के 3 बजकर 39 मिनट पर भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि शुरू हो जाएगी. यह तिथि 27 अगस्त को तड़के 2 बजकर 19 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में उदयातिथि की मान्यता के अनुसार, जन्माष्टमी 26 अगस्त दिन सोमवार को है. आइए जानते हैं इसका महत्व, पूजा करने की विधि और शुभ मुहूर्त.

जानिए जन्माष्टमी मनाने की कथा
पंडित नंदलाल ने बताया कि हिंदू पौराणिक कथाओं के मुताबिक विष्णु के आठवें अवतार, भगवान कृष्ण – देवकी और वासुदेव के पुत्र – का जन्म मथुरा के राक्षस राजा कंस को नष्ट करने के लिए जन्माष्टमी पर हुआ था. कंस, देवकी का भाई था. राक्षस राजा ने अपनी बहन और उसके पति को पकड़ लिया था. उन्हें जेल में डाल दिया था, ताकि वह उनके 7वें बेटे यानि को भी मार सके. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. देवकी के सातवें बच्चे, बलराम के जन्म के समय, भ्रूण रहस्यमय तरीके से देवकी के गर्भ से राजकुमारी रोहिणी के गर्भ में स्थानांतरित हो गया. वहीं, जब उनके आठवें बच्चे, कृष्ण का जन्म हुआ. तो पूरा महल गहरी नींद में सो गया.

जादुई तरीके से जेल के दरवाजे खुल गए और वासुदेव ने बच्चे को बचाकर वृन्दावन में नंद बाबा और यशोदा के घर पहुंचा दिया. आदान-प्रदान करने के बाद, वासुदेव एक बच्ची के साथ महल में लौट आए और उसे कंस को सौंप दिया. जब दुष्ट राजा ने बच्ची को मारने की कोशिश की, तो वह दुर्गा में बदल गई और उसे उसके विनाश के बारे में चेतावनी दी. इस तरह कृष्ण वृन्दावन में बड़े हुए और बाद में अपने मामा कंस का वध किया. भगवान कृष्ण के जन्म को जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है.

इस चीज का लगाएं भोग
भगवान लड्डू गोपाल को माखन मिश्री का भोग बहुत पसंद है. इस वजह से जन्माष्टमी वाले दिन बाल श्रीकृष्ण को माखन-मिश्री का भोग लगाएं. श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान को धनिया से बने पंजीरी का भोग लगाया जाता है. इसमें धनिया पाउडर में काजू, किशमिश, मिश्री, बादाम और देसी घी मिलाकर एक मिश्रण तैयार किया जाता है. जो कान्हा जी को भोग लगाते हैं. इसमें भी तुलसी पत्र का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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