करौली: भगवान श्रीकृष्ण का प्राकट्य दिवस यानी कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व इस बार सोमवार 26 अगस्त को बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा. हिंदू धर्म में यह एकमात्र पर्व है जो भगवान श्रीकृष्ण की आराधना को पूरी तरह से समर्पित है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने बाल स्वरूप में जन्म लिया था, इसलिए इस पर्व का भक्तों को सालभर इंतजार रहता है. यह हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण पर्वों में से एक है.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान श्रीकृष्ण को प्रसन्न करने के लिए भक्त तरह-तरह के उपाय करते हैं. खासतौर से, हिंदू धर्म के अनुयायी इस दिन उपवास रखते हैं और दिनभर व्रत रखकर भगवान श्रीकृष्ण की आराधना करते हैं. रात के 12:00 बजे भगवान के जन्म के बाद ही उपवास खोलते हैं.
रात्रि 12 बजे होगा कृष्ण जन्मोत्सव का आयोजन
आध्यात्मिक गुरु पंडित हरिमोहन शर्मा के अनुसार, इस बार कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व सोमवार को रोहिणी नक्षत्र में सुबह 3:55 बजे से शुरू होगा. इसके बाद, सोमवार की मध्य रात्रि को 12 बजे कृष्ण जन्मोत्सव का आयोजन किया जाएगा. व्रत रखने वाले भक्तों के लिए यह दिन विशेष है, वे व्रत के साथ-साथ पूरे दिन भगवान के नाम का कीर्तन करते रहें और इस पर्व को उल्लासपूर्वक मनाएं.
कृष्ण जन्माष्टमी के दिन इन बातों का रखें विशेष ध्यान
पंडित हरिमोहन शर्मा ने बताया कि यदि आप इस दिन भगवान श्रीकृष्ण को अपनी भक्ति से प्रसन्न करना चाहते हैं, तो व्रत के साथ-साथ नाम जप अवश्य करें. इस दिन किसी की निंदा और बुराई से बचें और अपने मन को स्वच्छ और पवित्र रखें. भगवान के स्मरण में दिन बिताएं और ज्यादा से ज्यादा ध्यान भगवान श्रीकृष्ण पर केंद्रित करें.
FIRST PUBLISHED : August 25, 2024, 15:01 IST
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