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डेढ़ अरब साल पुराना है यूपी का यह चमत्कारी पर्वत, भगवान राम से जुड़ा है कनेक्शन! परिक्रमा का है बड़ा महत्व


Agency:Bharat.one Uttar Pradesh

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Chitrakoot Kamadgiri Parvat : चित्रकूट कामदगिरि पर्वत महाआरती के अध्यक्ष डॉक्टर विपिन विराट महाराज के अनुसार लखनऊ विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने कामदगिरि पर्वत का अध्ययन किया था. उनके अनुसार यह पर्वत लगभग डेढ़…और पढ़ें

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चित्रकूट: धर्म नगरी चित्रकूट जो अपनी पवित्रता और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है, यहां के कामदगिरि पर्वत के बारे में जानकर आप भी आश्चर्यचकित हो जाएंगे. यह पर्वत न केवल धार्मिक रूप से महत्व रखता है, बल्कि विज्ञान की दृष्टि से भी अपने आप में रहस्यमयी है. चित्रकूट में प्रभु श्री राम ने अपने वनवास काल के 11 साल 6 महीने बिताए थे. यहीं पर वे माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ ठहरे थे.

श्री राम ने किया था इस पर्वत में निवास

इस दौरान कामदगिरि पर्वत उनका निवास स्थल बना. इसे धर्म और आस्था का केंद्र माना जाता है. कहा जाता है कि यह पर्वत आज भी प्रभु श्री राम की शक्तियों और उनके समय की यादों को संजोए हुए है. कामदगिरि पर्वत की परिक्रमा करने से भक्तों के दुख-दर्द दूर हो जाते हैं. इस पर्वत की परिक्रमा के लिए भक्त देश-विदेश से आते हैं. कहा जाता है कि जो भी सच्चे मन से इस पर्वत के दर्शन और परिक्रमा करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं.

वैज्ञानिक नजरिए से भी खास

वहीं चित्रकूट कामदगिरि पर्वत महाआरती के अध्यक्ष डॉक्टर विपिन विराट महाराज के अनुसार लखनऊ विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने कामदगिरि पर्वत का अध्ययन किया था. उनके अनुसार यह पर्वत लगभग डेढ़ अरब वर्ष पुराना है. इस खोज से यह साबित होता है कि यह केवल धार्मिक रूप से ही नहीं, बल्कि भूवैज्ञानिक रूप से भी एक महत्वपूर्ण स्थान है.

आचार्य विपिन विराट महाराज का बयान

आचार्य डॉक्टर विपिन विराट महाराज ने Bharat.one से बातचीत में कहा कि कामदगिरि पर्वत सतयुग से भी पहले का है. यह वही स्थान है, जहां भगवान श्री राम ने अपने वनवास के कठिन समय को व्यतीत किया था. यह पर्वत न केवल एक धार्मिक केंद्र है, बल्कि यहां आने वाले प्रत्येक भक्त को आध्यात्मिक और मानसिक शांति प्राप्त होती है.

दूर-दूर से आते हैं भक्त

प्रभु श्री राम की इस पवित्र धरोहर को देखने और इसके चमत्कारिक प्रभाव का अनुभव करने के लिए हर साल लाखों श्रद्धालु चित्रकूट आते हैं. यहां की धार्मिकता, प्राकृतिक सौंदर्य और ऐतिहासिक महत्व हर किसी को आकर्षित करता है. चित्रकूट का कामदगिरि पर्वत न केवल धर्म नगरी की पहचान है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और आस्था का प्रतीक है. श्रद्धालु इसे केवल एक पर्वत नहीं बल्कि प्रभु श्री राम का निवास मानते हैं.

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