मघेरे वाले हनुमान मंदिर के महंत गोपाल दास उर्फ मोनी बाबा ने बताया कि मंदिर की मान्यता द्वापर काल से जुड़ी हुई है. यहां भगवान श्री कृष्ण आया करते थे तो हनुमान जी को दाल और बाटी के साथ चूरमा का भोग लगाते थे. तभी से या परंपरा चली आ रही है कि भगवान श्री कृष्ण के द्वारा लगाए गए भोग का ही प्रसाद बनता है. मनोकामना पूर्ण होने पर भक्त प्रसाद का वितरण करते हैं.