ओम प्रयास / हरिद्वार. विवाह संस्कार 16 संस्कार में से एक संस्कार है, जो खुशहाल जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण बताया गया है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जीवन में 16 संस्कार बच्चे के गर्भधारण करने से लेकर मृत्यु होने तक बताए गए हैं. जिसमें विवाह संस्कार (पाणिग्रहण संस्कार) बहुत महत्वपूर्ण होता है. वैसे तो कुंडली में कई तरह के योग बनते हैं, जो व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित करते हैं. विवाह भी इनमें से एक महत्वपूर्ण पहलू होता है. कुंडली में विवाह योग बनने के लिए कुछ विशेष ग्रहों और कुंडली के कुछ भाव की स्थिति बहुत महत्वपूर्ण होती है.
कुंडली में कौन से ग्रह को मजबूत करने और कुंडली के किन भाव की स्थिति स्पष्ट या मजबूत होने पर विवाह का योग बिना किसी बाधा के पूर्ण होता है इसकी ज्यादा जानकारी Bharat.one को देते हुए हरिद्वार के ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि गुरु बृहस्पति और शुक्र ग्रह यदि कुंडली में मजबूत ना हो तो विवाह का योग नहीं बनता है. ज्योतिष शास्त्र में यदि गुरु बृहस्पति और शुक्र ग्रह में से एक ग्रह अस्त हो तो भी विवाह के मुहूर्त नहीं निकलते हैं.
इन ग्रहों और कुंडली के भाव को करें मजबूत
गुरु बृहस्पति ग्रह: पंडित श्रीधर शास्त्री Bharat.one को बताते हैं कि गुरु ग्रह को विवाह का कारक भी माना जाता है. यदि गुरु ग्रह कुंडली में मजबूत स्थिति में है, तो विवाह करने में कोई परेशानी या बाधा नहीं आती है. साथ ही गुरु ग्रह की कृपा से दांपत्य जीवन खुशहाल और सुखमय होता है. यदि गुरु ग्रह कुंडली में मजबूत स्थिति में नहीं है, तो ज्योतिष के उपाय जैसे पीली वस्तुएं, पीले रंग के फूल, पीले रंग का मिष्ठान, पीले रंग के वस्त्र, केला आदि दान करने पर गुरु ग्रह मजबूत होते हैं. साथ ही पुखराज रत्न विधि अनुसार धारण करने पर गुरु ग्रह वैवाहिक जीवन को खुशहाल बनाते हैं.
शुक्र ग्रह: श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि शादी विवाह के लिए जब लड़के या लड़की की कुंडली देखी जाती है तो उसमें शुक्र ग्रह की स्थिति भी देखी जाती है. यदि कुंडली में शुक्र ग्रह अस्त है तो शादी का मुहूर्त नहीं निकलता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार विवाह करने के लिए गुरु बृहस्पति और शुक्र ग्रह दोनों ही उदय होने चाहिए और उनकी स्थिति स्पष्ट होने पर ही विवाह के योग बनते हैं. जिससे विवाह बिना किसी बाधा के पूर्ण होता है. यदि कुंडली में शुक्र ग्रह मजबूत नहीं है, तो ज्योतिष शास्त्र में शुक्र ग्रह को मजबूत करने के लिए बहुत से उपाय बताए गए हैं जैसे शुक्रवार के दिन सफेद वस्तुएं दूध, दही, चावल, अन्न, सफेद मिष्ठान, सफेद बर्फी, सफेद वस्त्र, सफेद माला आदि दान करने पर शुक्र ग्रह मजबूत हो जाते हैं और विवाह का कार्य बिना किसी रूकावट बाधा के पूर्ण हो जाता है.
लग्न भाव: पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार लग्न भाव व्यक्ति की पहचान को दर्शाता है. लग्न भाव में विराजमान ग्रह की स्थिति देखकर शादी विवाह के संबंध में पूर्ण जानकारी हो जाती है. लग्न भाव में यदि कोई ऐसा ग्रह विराजमान है जिसके कारण शादी विवाह में रुकावट हो रही है तो उस ग्रह के निमित्त बीज मंत्र का जाप और दान आदि करने से विवाह का योग बनता है और संपूर्ण दांपत्य जीवन में कोई भी परेशानी, दुख, कष्ट नहीं आते हैं.
पंचम भाव: ज्योतिषी श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि कुंडली का पंचम भाव प्रेम का भाव है. इस भाव में स्थित ग्रह भी विवाह के योग को प्रभावित करता है. यदि कुंडली के पंचम भाव में कोई ऐसा ग्रह विराजमान है, जो विवाह में रुकावट डाल रहा है तो ज्योतिष शास्त्र की विधि के अनुसार उस ग्रह के बीज मंत्र और वैदिक मंत्र का जाप करना विशेष लाभकारी होता है. साथ ही उस ग्रह के निमित्त दान करने का भी विशेष महत्व होता है.
सप्तम भाव: पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि कुंडली का सप्तम भाव विवाह का भाव होता है. सप्तम भाव में स्थित ग्रह विवाह के बारे में संपूर्ण जानकारी देते हैं. यदि सप्तम भाव में शुभ ग्रह जैसे शुक्र, गुरु या चंद्रमा की स्थिति मजबूत है, तो विवाह करने में कोई बाधा, रुकावट, परेशानी नहीं आती है. यदि सप्तम भाव में राहु या अन्य कोई क्रूर ग्रह विराजमान है तो रिश्ता होने पर टूट जाता है. तो उस ग्रह के निमित्त उपाय करने पर लाभ होता है. उस ग्रह के बीज मंत्र या वैदिक मंत्र का जाप विधि अनुसार करने पर विवाह का योग मजबूत होता है और दान करने पर संपूर्ण दांपत्य जीवन खुशहाल होता है. जिससे जीवन में धन, संपत्ति, खुशहाली प्राप्त होती है.
Note: कुंडली में ग्रहों को मजबूत करने और कुंडली के भाव की स्थिति स्पष्ट करने की ज्यादा जानकारी के लिए आप हरिद्वार के ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री से उनके फोन नंबर 9557125411 और 9997509443 पर संपर्क कर सकते हैं.
FIRST PUBLISHED : November 10, 2024, 07:10 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.