Shri Kali Bhawani Mandir Gonda: कुछ मंदिरों की कहानी बहुत पुरानी और दिलचस्प है. ऐसा ही एक मंदिर उत्तर प्रदेश के गोंडा नगर में स्थित है. लोगों का मानना है कि श्री काली भवानी मंदिर लगभग 5 हजार वर्ष पुराना है. इस मंदिर की स्थापना त्रेता युग में महाराजा दिलीप के द्वारा की गई थी. महाराजा दिलीप के पिता भागीरथ थे, जिन्होंने गंगा जी को धरती पर लाया था.
श्री काली भवानी मंदिर की मान्यता
Bharat.one से बातचीत के दौरान मंदिर के महंत शिवाकांत शुक्ला बताते हैं कि इस मंदिर पर यदि कोई व्यक्ति 40 दिन तक लगातार मां का दर्शन करता है तो उसकी सारी मनोकामना पूर्ण होती है.
कैसे हुई मंदिर की स्थापना
महाराजा दिलीप गौ सेवक थे. वह इस स्थान पर गौ सेवा करने आया करते थे. गौ सेवा करते-करते एक दिन उनको थकान लगी तो मंदिर के पीछे एक नीम का पेड़ लगा हुआ था, उसी के नीचे आराम करते-करते उनको नींद आ गई. स्वप्न में माता ने आकर कहा कि यहां पर स्थापना की जाए और फिर महाराजा दिलीप के द्वारा श्री काली भवानी मंदिर की स्थापना की. जो इस समय गोंडा के नगर में स्थित है.
मंदिर की क्या है खासियत
इस मंदिर की मान्यता यह है कि इस मंदिर पर सभी भक्तों की मनोवांछित इच्छा पूरी होती है. जो भक्त मां का 40 दिन गुड़हल के पुष्प समर्पित करता है,उसकी सारी मनोकामना पूर्ण होती है.
कब-कब लगता है यहां पर मेला
इस मंदिर हर शुक्रवार और सोमवार को भक्तों की अपार संख्या में भीड़ लगती है. लेकिन इस मंदिर में शारदीय नवरात्रि और चैत्र नवरात्रि पर काफी संख्या में भक्त आकर मां का दर्शन करते हैं. इस मंदिर में हवन करने का बहुत बड़ा महत्व होता है.
परेशानियों से बचने के लिए यहीं पूजा करते हैं भक्त
मंदिर में पूजा-पाठ कर रहे भक्तों का कहना है कि इस मंदिर में 40 दिनों तक पूजा करने से हर परेशानी का हल मिल जाता है. चाहे नौकरी की टेंशन हो या शादी में कोई परेशानी हो, लोग इसी मंदिर में आकर उपाय करते हैं.
FIRST PUBLISHED : November 29, 2024, 13:08 IST
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