हरिद्वार. हिंदू कैलेंडर का 7 वां महीना आश्विन मास पितरों को समर्पित महीना माना जाता है. इस महीने में अपने पूर्वजों और पितरों के निमित्त तर्पण, कर्मकांड, पिंडदान आदि करने का विधान है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार आश्विन मास में अपने पितरों के निमित्त किए गए सभी धार्मिक कार्यों का संपूर्ण फल प्राप्त होता है. जिससे पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होने के साथ-साथ परम धाम में स्थान प्राप्त होता है. मान्यता है कि पितृ पक्ष में श्राद्ध करने से पितरों का ऋण चुकता हो जाता है. उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है. वह परिजनों को खुशहाली का आशीर्वाद प्रदान करते हैं. गौरतलब है कि 17 सितंबर से शुरू हो रहा है. इसका समापन 2 अक्टूबर को होगा.
धार्मिक ग्रंथो के अनुसार पितृ पक्ष में कुल 16 दिन होते हैं . इन 16 दिनों में सभी पितरों का श्राद्ध तर्पण किया जाता है. जो लोग अपने पितरों की श्राद्ध तिथि भूल जाते हैं उनके लिए शास्त्रों में बहुत से उपाय बताए गए हैं. जो लोग अपने पितरों की श्राद्ध तिथि भूल जाते हैं या उन्हें मालूम नहीं होता कि उनके पितरों का श्राद्ध किस तिथि में हुआ था उनके लिए शास्त्रों में एक निश्चित तिथि बताई गई हैं. उस तिथि में अपने पितरों का श्राद्ध करने से उन्हें मोक्ष मिलने के साथ स्वर्ग में स्थान प्राप्त होता हैं.
इस दिन करें अज्ञात पितरों का श्राद्ध
हरिद्वार के विद्वान ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री ने Bharat.one को बताया कि सभी पूर्वजों की मृत्यु तिथि के दिन ही श्राद्ध कर्म किया जाना उचित होता है, लेकिन मृत्यु तिथि ज्ञात नहीं होने की स्थिति में भी पौराणिक मान्यता के अनुसार श्राद्ध किया जा सकता है. मृत्यु की तिथि ज्ञात नहीं होने के स्थिति में सभी मृतक स्त्री जातकों का श्राद्ध नवमी तिथि को करना चाहिए. इस वर्ष श्राद्ध पक्ष की नवमी तिथि 25 सितंबर को है. वहीं सभी मृतक पुरुषों का श्राद्ध सर्वपितृ अमावस्या को किया जाता है. इस साल सर्वपितृ अमावस्या शनिवार 2 अक्टूबर बुधवार को है या जिनके पितृ प्रेत योनि में भटक रहे हैं उन्हें भी श्राद्ध अमावस्या तिथि को करना चाहिए. अज्ञात पितरों के श्राद्ध भी अमावस्या को करना श्रेष्ठ होता हैं.
Note: ज्ञात-अज्ञात पितरों के श्राद्ध के बारे में ओर अधिक जानकारी करने के लिए आप हरिद्वार के विद्वान ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री से उनके फोन नंबर 9557125411 और 9997509443 पर संपर्क कर सकते हैं.
FIRST PUBLISHED : August 24, 2024, 20:11 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.