देवघर: पितृपक्ष में पितरों के प्रति अपनी श्रद्धा समर्पित करने के लिए और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए लोग श्राद्ध और तर्पण करते हैं. इस साल पितृपक्ष की शुरुआत 18 सितंबर प्रतिपदा श्राद्ध के साथ होगी. माना जाता है कि पितृपक्ष में पितरों का तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान करने से नाराज पितृ भी प्रसन्न होते हैं और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है. जब पितृ प्रसन्न होते हैं तो इस इसका वंश पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. लेकिन, श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान में एक बात विशेष ध्यान रखना होता है.
देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने Bharat.one को बताया कि इस साल पितृ पक्ष की शुरुआत 18 सितंबर से होने जा रही है. समापन 2 अक्टूबर को होगा. इस दौरान कई लोग असमंजस में रहते हैं कि किस तिथि पर अपने पितरों का तर्पण करना चाहिए. श्राद्ध प्रतिपदा से लेकर पितृ अमावस्या तक कई तिथि पड़ती हैं तो क्या किसी भी तिथि में आप पितरों का तर्पण कर सकते है? ऐसा नहीं है, किसी भी तिथि में अपने पितरों का तर्पण करना शुभ नहीं माना जाता है. इसका फल प्राप्त नहीं होता है.
कब करें पितरों का तर्पण
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, हर महीने में दो पक्ष होते हैं एक कृष्ण पक्ष दूसरा शुक्ल पक्ष. दोनों पक्षों में 15 तिथियां होती हैं, जो प्रतिपदा, द्वितीय, तृतीया से लेकर अमावस्या या पूर्णिमा तक की होती हैं. वहीं, जिस तिथि में पूर्वजों की मृत्यु हुई हो, पितृ पक्ष के दौरान उसी तिथि पर पितरों का तर्पण, श्राद्ध, पिंडदान करना चाहिए, तभी शुभ माना जाता है. पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. पितर प्रसन्न होकर परिवार पर कृपा करते हैं. अगर आपको पूर्वजों के मृत्यु की तिथि का ज्ञात न हो तो जिस तारीख पर उनकी मृत्यु हुई हो, उस तारीख के अनुसार तिथि को निकाल लें और इस तिथि में अपने पितरों का तर्पण करें.
पितृपक्ष 2024 तिथियां
18 सितंबर प्रतिपदा श्राद्ध
19 सितंबर द्वितीय श्राद्ध
20 सितंबर तृतीया श्राद्ध
21 सितंबर चतुर्थी श्राद्ध
22 सितंबर पंचमी श्राद्ध
23 सितंबर षष्ठी श्राद्ध
24 सितंबर सप्तमी श्राद्ध
25 सितंबर अष्टमी श्राद्ध
26 सितंबर नवमी श्राद्ध
27 सितंबर दशमी श्राद्ध
28 सितंबर एकादशी श्राद्ध
29 सितंबर द्वादशी श्राद्ध
30 सितंबर त्रयोदशी श्राद्ध
01 अक्टूबर चतुर्दशी श्राद्ध
02 अक्टूबर अमावस्या श्राद्ध समापन
FIRST PUBLISHED : September 4, 2024, 13:49 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.