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पितरों की मृत तिथि नहीं पता, तो इन दिन करें श्राद्ध; जल्द मिलेगा उन्हें मोक्ष, सुख समृद्धि का देंगे आशीर्वाद This date is very auspicious in Pitru Paksha. By performing Shraddha of Pitru, one gets good results.


देवघर. साल में 15 दिन ऐसे होते हैं जो हमारे पूर्वजों को समर्पित रहते हैं, जिन्हें हम पितृ भी कहते हैं. इन 15 दिन के दौरान लोग अपने-अपने मृत पूर्वजों का तर्पण, श्राद्ध, पिंडदान इत्यादि करते हैं. इससे पितृ प्रसन्न होते हैं और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस 15 दिन को पितृपक्ष भी कहते हैं. पितृपक्ष के समाप्त होते ही देवी पक्ष की शुरुआत होती है. इस साल पितृ पक्ष की शुरुआत 17 सितंबर दिन मंगलवार से होने जा रही है. इन 15 दिनों में कई ऐसी शुभ तिथियां हैं जिनमें श्राद्ध अवश्य करने चाहिए. कौन सी है वह तिथियां और उसमें किन लोगों को श्राद्ध करना चाहिए जानते हैं देवघर के ज्योतिषाचार्य से.

क्या कहते हैं देवघर के ज्योतिषाचार्य
देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने Bharat.one के संवाददाता से बातचीत करते हुए कहा कि 17 सितंबर से पितृपक्ष की शुरुआत होने जा रही है और 2 अक्टूबर सर्वपितृ अमावस्या तक चलने वाली है. हिंदू धर्म में इन 15 दिनों का खास महत्व होता है. इस अवधि में पड़ने वाली तिथि भी काफी महत्वपूर्ण होती है. इन 15 दिनों में यदि आप श्राद्ध नहीं कर पाएं तो कुछ शुभ श्राद्ध तिथियां हैं, जिसमें श्राद्ध अवश्य करना चाहिए.

15 दिनों में हैं ये शुभ श्राद्ध तिथि
देवघर के ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि 15 दिनों में कई ऐसी श्राद्ध तिथियां हैं, जो बेहद शुभ मानी जाती हैं जैसे…
भरणी श्राद्ध : भरणी श्राद्ध पंचमी तिथि को किया जाता है. इस तिथि में अविवाहित मरने वालों का श्राद्ध किया जाता है. पंचांग के अनुसार भरणी श्राद्ध का समय 21 सितम्बर को भोर 04 बजकर 09 मिनट में शुरू हो रहा है और समापन अगले दिन 22 सितम्बर दोपहर 02बजकर 43 मिनट पर हो  रहा है.

नवमी श्राद्ध : नवमी श्राद्ध मातृ नवमी के नाम से भी जाना जाता है. इसमें मातृ पक्ष जैसे माँ, दादी, नानी इत्यादि के पितरों का श्राद्ध किया जाता है. नवमी तिथि 25 सितम्बर को पड़ रही है.

सर्वपितृ अमावस्या : सर्व पितृ अमावस्या के दिन उन पितरों का श्राद्ध किया जाता है, जिन पितरों की मृत तिथि मालूम नहीं होती है. इस साल 2 अक्टूबर को सर्वपितृ अमावस्या है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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