देवघर: पितृपक्ष शुरू होने वाले हैं. साल के 15 दिन पितरों के प्रति समर्पण और श्राद्ध के लिए महत्वपूर्ण हैं. माना जाता है कि पितृपक्ष के दौरान पितर धरती पर उतरते हैं. पितृ पक्ष भाद्रपद पूर्णिमा से लेकर अमावस्या तक रहता है. इस दौरान पितरों के निमित्त तर्पण, श्राद्ध, पिंडदान आदि किया जाता है, जिससे पितृ प्रसन्न होते हैं. लेकिन, इस बार पितृपक्ष में ही साल का दूसरा चंद्रग्रहण और सूर्यग्रहण लगने जा रहा है. ज्योतिषाचार्य से जानें इसका क्या प्रभाव होगा.
देवघर के ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने Bharat.one को बताया कि इस साल पितृपक्ष की शुरुआत चंद्र ग्रहण से होने जा रही है. 18 सितंबर को प्रतिपदा श्राद्ध के साथ ही पितृपक्ष की शुरुआत होगी. उसी दिन साल का दूसरा चंद्र ग्रहण भी लगने जा रहा है, इसलिए यह पितृपक्ष अत्यंत शुभदायक नहीं रहने वाला है. साल का दूसरा चंद्रग्रहण भारत में नहीं दिखेगा, इसलिए इसका सूतक नहीं माना जाएगा. लेकिन, पितृ पक्ष पर प्रभाव रहेगा.
इस वक्त करें प्रतिपदा का श्राद्ध
भारतीय समय अनुसार, चंद्र ग्रहण सुबह 6 बजकर 12 मिनट पर होगा और समापन सुबह 10 बजकर 17 मिनट पर होगा. ज्योतिषाचार्य ने बताया कि भारत पर इस ग्रहण का प्रभाव नहीं रहने वाला है, फिर भी प्रतिपदा पर श्राद्ध करने वाले जातक को ध्यान रखना होगा कि जब तक ग्रहण काल समाप्त न हो जाए, तब तक श्राद्ध न करें. ग्रहण के मोक्ष काल की समाप्ति के बाद ही प्रतिपदा के श्राद्ध की शुरुआत करें.
पितृ पक्ष के अंतिम दिन सूर्य ग्रहण
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि इस बार पितृपक्ष की शुरुआत और समापन ग्रहण काल से ही होने जा रही है, इसलिए इस साल का पितृपक्ष शुभ नहीं माना जा रहा है. साल का दूसरा सूर्य ग्रहण पितृ पक्ष की समाप्ति के दिन यानी 2 अक्टूबर को लगने जा रहा है. हालांकि, भारत में यह सूर्य ग्रहण भी दृश्य नहीं रहने वाला है. इसकी वजह से सूतक काल भी मान्य नहीं होगा. भारतीय समयानुसार, साल के दूसरे सूर्य ग्रहण की शुरुआत रात 9 बजकर 13 मिनट से होगी और समापन देर रात 3 बजकर 17 मिनट पर होगा.
एक पक्ष में दो ग्रहण शुभ नहीं
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि इस साल एक ही पक्ष में चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण दोनों लगने जा रहा है. हालांकि, ये दोनों ग्रहण भारत मे दृश्य नहीं हैं, लेकिन आध्यात्मिक रूप से इसका प्रभाव हर मनुष्य पर पड़ने वाला है, जिसे शुभ नहीं माना जा रहा है. क्योंकि, शास्त्रों के अनुसार, एक पक्ष में दो ग्रहण पड़ना शुभ संकेत नहीं हैं. इसलिए पितृपक्ष पर ग्रहण का साया शुभ नहीं माना जाएगा.
FIRST PUBLISHED : September 1, 2024, 14:50 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.