हरिद्वार: हिंदू धर्म में श्राद्ध पक्ष का विशेष महत्व है, जो भाद्रपद की पूर्णिमा से प्रारंभ होकर आश्विन मास की अमावस्या तक चलता है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, पितृ पक्ष के कुल 16 दिन होते हैं. इस दौरान, सभी पितरों के लिए श्राद्ध कर्म करने का प्राचीन महत्व है. ऐसा माना जाता है कि इस अवधि में पितृ प्रेत योनि में भटक रहे होते हैं और उनके श्राद्ध कर्म से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है, जिससे वे बैकुंठ धाम में स्थान प्राप्त करते हैं.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितृ पक्ष के दिनों में पितृ अपने परिवार के बीच रहने के लिए धरती पर आते हैं. इस दौरान, पितरों का श्राद्ध कर्म, तर्पण, और पिंडदान करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है, जिससे घर में सुख, शांति, और समृद्धि बनी रहती है. इसके साथ ही व्यक्ति को पितृ दोष से भी छुटकारा मिलता है.
श्राद्ध कर्म के लिए आवश्यक सामग्री
पितृ पक्ष में श्राद्ध कर्म के लिए कुछ विशेष सामग्री की आवश्यकता होती है. हरिद्वार के प्रसिद्ध ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री के अनुसार, यदि श्राद्ध करने के लिए ये सामग्री उपलब्ध नहीं है, तो श्राद्ध कर्म अधूरा माना जाता है. इसके परिणामस्वरूप घर में नकारात्मक शक्तियां, परेशानियां, दुख, और दरिद्रता का वास हो सकता है.
आवश्यक सामग्री में शामिल हैं
कुशा: पवित्रता लाने के लिए कुशा का उपयोग होता है.
धुर्वा (धूप घास): इसे शास्त्रों में अत्यंत शुभ माना गया है.
काले तिल: श्राद्ध पक्ष में इसका विशेष महत्व है.
गंगाजल: यह पवित्रता का प्रतीक है और इसके बिना श्राद्ध कर्म अधूरा होता है.
गाय का कच्चा दूध: इसे भी श्राद्ध कर्म के लिए आवश्यक माना गया है.
जौ: इसके बिना भी श्राद्ध कर्म पूर्ण नहीं होता है.
पंडित श्रीधर शास्त्री के अनुसार, इन सामग्रियों के बिना श्राद्ध कर्म अधूरा रह जाता है, इसलिए श्राद्ध करते समय इनका होना अनिवार्य है. श्राद्ध के दौरान इन सामग्रियों का उपयोग न केवल पितरों को तृप्त करता है, बल्कि परिवार के लिए भी शुभ फलदायक होता है.
Note: श्राद्ध पक्षों में किस सामान के बिना श्राद्ध कर्म अधूरा रह जाता है इसकी अधिक जानकारी करने के लिए आप हरिद्वार के विद्वान ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री से उनके फोन नंबर 9557125411 और 9997509443 पर संपर्क कर सकते हैं.
FIRST PUBLISHED : August 29, 2024, 09:47 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.