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Sai Temple: बरेली के इज्जतनगर स्थित साईं बाबा मंदिर में हर सप्ताह हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं. 27 साल पुराने इस मंदिर की स्थापना कुदेशिया परिवार द्वारा दान की गई जमीन पर हुई थी.

साईं मंदिर बरेली.
हाइलाइट्स
- बरेली के साईं बाबा मंदिर में हर सप्ताह हजारों श्रद्धालु आते हैं.
- कुदेशिया परिवार ने मंदिर के लिए जमीन दान दी थी.
- श्रद्धालु मनोकामना पूर्ति के लिए धागा बांधते हैं.
बरेली: बाबा भोलेनाथ की नगरी बरेली अपने सात लिंगों के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन यहां एक और धार्मिक स्थल भक्तों की आस्था का बड़ा केंद्र बना हुआ है. इज्जतनगर रेलवे स्टेशन के कुदेशिया फाटक स्थित साईं बाबा मंदिर में हर सप्ताह हजारों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं. यह मंदिर 27 साल पुराना है और इसकी स्थापना के पीछे एक ऐतिहासिक कहानी भी जुड़ी हुई है.
कुदेशिया परिवार ने दान दी थी जमीन
बरेली के कुदेशिया परिवार ने इस मंदिर के निर्माण के लिए अपनी जमीन दान में दी थी. तभी से यह मंदिर भक्तों की आस्था का केंद्र बना हुआ है. यहां हर सोमवार और गुरुवार को विशेष दरबार लगता है, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालु शामिल होते हैं.
मंदिर के पुजारी ललित मिश्रा ने Bharat.one से बातचीत में बताया कि इस मंदिर से कई मान्यताएं जुड़ी हुई हैं. हर सोमवार और गुरुवार को यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. साईं संध्या के साथ विशेष भंडारे का भी आयोजन किया जाता है.
धागा बांधने की मान्यता
श्रद्धालु यहां मनोकामना पूर्ति के लिए धागा बांधते हैं. भक्तों का मानना है कि साईं बाबा उनके कष्ट दूर करते हैं और उनकी इच्छाएं पूरी होती हैं. यही कारण है कि लखनऊ, शाहजहांपुर, रामपुर समेत दूर-दराज के जिलों से लोग यहां दर्शन के लिए आते हैं.
भक्तों का विश्वास
साईं बाबा के दरबार में आने वाले श्रद्धालु कहते हैं कि जो भी भक्त सच्चे मन से मन्नत मांगता है, उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है. कई लोग वर्षों से यहां दर्शन के लिए आ रहे हैं और उनका कहना है कि साईं बाबा के आशीर्वाद से उनकी सभी परेशानियां दूर हो गईं.