मुकेश पांडेय/ मिर्जापुर : विंध्य पर्वत पर विराजमान आदिशक्ति मां विंध्यवासिनी धाम विशेष है. महालक्ष्मी के रूप में मां भक्तों की हर पीड़ा को हर लेती है. मां के धाम में एक ऐसी देवी भी मौजूद है, जहां दर्शन मात्र से ही भक्तों की भूत व प्रेत जैसी बाधा खत्म हो जाती है. विश्वास व भाव की माता धाधा भक्तों का कल्याण कर रही है. मां धाधा के दर्शन के लिए दूर-दूर से भक्त आते हैं. नवरात्रि में विशेष श्रृंगार का आयोजन भी होता है. मान्यता है कि जो भक्त यहां नहीं आ पाते हैं. उनके परिजन बाल लेकर आते हैं. बाल चढ़ा देने से बाधा से मुक्ति मिल जाती है.
मां विंध्यवासिनी धाम के नेत्र के सामने मां धाधा माता मौजूद है. मां के धाम के इतिहास के साथ इनका नाता जुड़ा है. भवानी के रूप में विद्यमान मां धाधा के दर्शन से भूत-प्रेत व जींद और टोना-टोटका जैसी बाधा दूर होती है. भक्त नारियल, जाइफल, कपूर व माला-फूल लेकर मां के दर्शन कर सकते हैं. दर्शन मात्र से ही भक्तों का कल्याण होता है. भारी संख्या में भक्त दूर-दूर से मां के दर्शन के लिए धाम में पहुंचते हैं. धाम को लेकर ऐसी मान्यता है कि जो भक्त दर्शन के लिए नहीं आ पा रहे हैं. उनके बाल को चढ़ा देने से भूत-प्रेत से मुक्ति मिलती है. मनोरथ पूर्ण होने पर भक्त विशेष श्रृंगार व पूजन करते हैं.
मां हर लेती है हर कष्ट- पं. सोनू
मां धाधा के पुजारी पं. सोनू तिवारी ने बताया कि मां भाव की भूखी है. यहां पर भावपूर्वक दर्शन करने से भूत-प्रेत जैसे कष्ट दूर होते हैं. भवानी के रुप में विराजमान माता धाधा में इतनी शक्ति है कि धाम में बाल अर्पित कर देने से भूत-प्रेत व जींद आदि कष्ट दूर हो जाते हैं. यहां पर विश्वभर से लोग दर्शन के लिए पहुंचते हैं. ,नवरात्रि में विशेष श्रृंगार व पूजन होता है.
FIRST PUBLISHED : August 17, 2024, 10:26 IST
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