मंदिर के पुजारी विवेकानंद पांडेय ने Bharat.one से कहा कि यहां बाबा भोले को लोग घोड़मेश्वर बाबा के रूप में जानते हैं. यह मंदिर अति प्राचीन होने के साथ-साथ पुरातात्विक महत्व भी रखता है. इस मंदिर के भविष्य गर्भ में कई इतिहास छिपे हैं. यहां दूध से अभिषेक करने पर शिवलिंग में भगवान शिव की तस्वीर भी उभर जाती है.