बिहार के नालंदा जिले में मघड़ा गांव है. इस गांव की बात इसलिए कर रहे हैं क्योंकि यह शीतला माता मंदिर के लिए प्रसिद्ध है. यह मंदिर परवलपुर-एकंगर सराय मार्ग पर स्थित है और बिहारशरीफ से कुछ किलोमीटर की दूरी पर है.
शीतला माता मंदिर की ऐतिहासिकता प्राचीन काल से जुड़ी हुई है. यह मंदिर गुप्तकालीन शासक चंद्रगुप्त द्वितीय के समय से है. 5वीं सदी में भारतीय उपमहाद्वीप की यात्रा करने वाले चीनी यात्री फाह्यान ने इस मंदिर का उल्लेख अपनी रचनाओं में किया है. फाह्यान ने इस मंदिर की पूजा पद्धतियों और धार्मिक महत्व का वर्णन किया. जिससे पता चलता है कि यह मंदिर उस समय से ही धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण रहा है.
शीतला माता मंदिर की संरचना पारंपरिक भारतीय मंदिरों की तरह है. जिसमें देवी शीतला की प्रतिमा प्रमुख स्थान पर स्थापित है. देवी की प्रतिमा को विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है. पूजा-अर्चना, भोग, यज्ञ, धार्मिक अनुष्ठान मंदिर में बराबर होते रहते हैं.
शीतला माता मंदिर में श्रद्धालु विशेष अवसरों और पर्वों पर पूजा अर्चना के लिए आते हैं. यह माना जाता है कि मां शीतला की पूजा से बीमारियाँ दूर होती हैं और स्वास्थ्य में सुधार होता है. मंदिर में शनिवार और सोमवार को पूजा करने की परंपरा है. त्योहारों जैसे शीतला सप्तमी पर विशेष उत्सव आयोजित किए जाते हैं.
मंदिर की पूजा से जुड़ी स्थानीय परंपराएँ और अनुष्ठान ग्रामीण समाज की सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा हैं. पूजा के दौरान भव्य मेलों का आयोजन होता है, जिसमें दूर-दराज से श्रद्धालु और पर्यटक हिस्सा लेने आते हैं.
FIRST PUBLISHED : August 29, 2024, 15:40 IST
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