मुकेश पांडेय/मिर्जापुर: उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में स्थित आदिशक्ति मां विंध्यवासिनी का धाम श्रद्धालुओं के लिए गहरी आस्था और श्रद्धा का केंद्र है. मां विंध्यवासिनी को महालक्ष्मी का अवतार माना जाता है और उनके दर्शन के लिए भक्त दूर-दूर से आते हैं. हालांकि मां की झांकी दर्शन की विशेष महत्ता है, जिसे भक्त अनिवार्य मानते हैं. कहा जाता है कि झांकी दर्शन करने से मां सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं.
विंध्यधाम के तीर्थ पुरोहित व आचार्य पं. अग्सत्य द्विवेदी ने Bharat.one से बातचीत में बताया कि मां विंध्यवासिनी अनंतकाल से विंध्य पर्वत पर विराजमान हैं और स्वयं भगवान भी उनके दर्शन के लिए आते हैं. इसलिए मां को आदिशक्ति के रूप में पूजा जाता है. उनकी झांकी के दर्शन से जीवन की हर बाधा और संकट दूर हो जाते हैं. श्रद्धालु मां की झांकी को निहारते हुए अपनी प्रार्थनाएं करते हैं और मां उनकी हर समस्या का समाधान कर देती हैं.
झांकी पर महसूस होता है विशेष ऊर्जा
अगत्स्य द्विवेदी ने बताया कि धाम के पुरोहित भी मां विंध्यवासिनी के झांकी दर्शन करते हैं, जो उनके लिए एक विशेष धार्मिक अनुभव होता है. मंदिर के बारे में मान्यता है कि मां के धाम में जो भी भक्त आते हैं वे मां के दर्शन कर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं. झांकी से मां का दर्शन करने के बाद भक्त करुणा और भक्ति से अपनी मिन्नतें मां से कहते हैं. मां विंध्यवासिनी अपने भक्तों के दुखों को हरती हैं और उनकी सभी इच्छाएं पूरी करती हैं.
भक्तिमय रहता है मां के धाम का वातावरण
अग्सत्य द्विवेदी ने बताया कि इस पवित्र धाम का धार्मिक महत्व केवल श्रद्धालुओं तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह स्थान अपने आध्यात्मिक आकर्षण के कारण लाखों भक्तों का केंद्र बन गया है. धाम का भक्तिमय वातावरण आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है और मां की झांकी की महिमा से उनका जीवन सुख-समृद्धि से भर जाता है.
FIRST PUBLISHED : September 20, 2024, 13:00 IST
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