मथुरा: ब्रज में जन्माष्टमी का पर्व हर साल की तरह इस बार भी धूमधाम से मनाया गया. मथुरा में जहां जन्माष्टमी 26 अगस्त को मनाई गई, वहीं प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में 27 अगस्त को जन्माष्टमी का उत्सव मनाया गया. इसके साथ ही, 28 अगस्त की रात को भक्तों ने यहां की विशेष मंगला आरती के दर्शन किए, जो साल में केवल एक बार होती है.
बांके बिहारी मंदिर में भगवान श्री कृष्ण का 5251वां जन्मोत्सव बेहद हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इस मौके पर हजारों श्रद्धालु भगवान के जन्म के साक्षी बनने के लिए यहां पहुंचे. मंदिर में 28 अगस्त की रात को 2:00 बजे आयोजित मंगला आरती के दर्शन का विशेष महत्व है. कहा जाता है कि जो भी भक्त बांके बिहारी की मंगला आरती करता है, उसे जीवन में कभी धन की कमी नहीं होती और उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. इस आरती को लेकर एक कहावत भी प्रचलित है: “जो भी करे बांके बिहारी की मंगल, कभी ना हो कंगला.”
प्रशासन के पुख्ता इंतजाम: भीड़ पर नियंत्रण
बांके बिहारी मंदिर में मंगला आरती के दौरान उमड़ने वाली भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने विशेष इंतजाम किए थे. मंगला आरती के समय मंदिर में जगह कम होने के कारण भीड़ का दबाव बढ़ जाता है. इसको देखते हुए प्रशासन ने लोगों की भीड़ को लगातार चलायमान रखा, जिससे आरती के समय कोई अव्यवस्था न हो.
रास के बाद विश्राम करते हैं श्री कृष्ण
मंदिर के सेवायत पुजारी का कहना है कि भगवान बांके बिहारी रास करने के बाद थक जाते हैं, इसलिए उनकी मंगला आरती प्रतिदिन नहीं की जाती है. भगवान की नींद में कोई विघ्न न पड़े, इसके लिए साल में सिर्फ एक बार ही मंगला आरती का आयोजन होता है. पुजारी गोस्वामी के अनुसार, यहां भगवान के बाल रूप की सेवा होती है और गोपियों के साथ महारास के बाद श्री कृष्ण थक जाते हैं, इसलिए उन्हें प्रतिदिन जगाना उचित नहीं समझा जाता.
FIRST PUBLISHED : August 29, 2024, 15:00 IST