उज्जैन. विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल की नगरी में प्रतिदिन लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन का रहता है. भगवान की एक झलक पाने के लिए भक्त आतुर रहते है. भादो माह मे राजाधिराज महाकाल भगवान अपनी प्रजा का हाल जानने मंदिर परिसर से निकलते है. मान्यता है कि वर्षा काल में सृष्टि का संचालन करने वाले सभी देवता शयन काल में चले जाते हैं. जबकि बाबा महाकाल सृष्टि का संचालन करते हैं. सावन मास में भगवान महाकाल की 5 सवारी निकाली गईं थी. ऐसे में सावन मास में खत्म होने के बाद भादों माह मे भगवान महाकाल की पहली सवारी निकाली गईं. जिसमे गोण्ड जनजातीय थातिया नृत्य दल ने अपनी प्रस्तुति दी.
सभामंडप में हुआ पूजन
पुजारी माधव गुरू ने बताया कि भगवान श्री महाकालेश्वर की सोमवार 26 अगस्त 2024 को सवारी निकलने के पूर्व श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में विधिवत भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर का पूजन-अर्चन होने के पश्चात अपनी प्रजा के हाल जानने के लिए नगर भ्रमण पर निकलें. मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों के द्वारा पालकी में विराजित भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर को सलामी दी गईं. उसके पश्चात परंपरागत मार्ग से होते हुए सवारी क्षिप्रातट रामघाट पहुची.जहॉ पर भगवान महाकाल का क्षिप्रा के जल से अभिषेक एवं पूजा-अर्चन की गईं.पूजन-अर्चन के बाद सवारी निर्धारति मार्गों से होते हुए पुनः श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी.
इन मार्गो से गुजरेगी सवारी
भगवान महकाल की सवारी श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभा मंडप में पूजा-अर्चना करने के बाद अपने निर्धारित समय पर शुरू होकर मंदिर के मुख्य द्वार पहुंचेगी, यहां सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा भगवान श्री महाकाल को सलामी दी गईं. उसके बाद सवारी परंपरागत मार्ग महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाडी से होती हुई रामघाट पहुंची.जहॉ क्षिप्रा नदी के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन-अर्चन किया गया.इसके बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चौक खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार से होती हुई पुन: श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी.
कितने रूपों मे दिखे महाकाल
श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक श्री गणेश कुमार धाकड ने बताया कि, श्री महाकालेश्वर भगवान की 26 अगस्त 2024 को निकलने वाली षष्ठम सवारी में पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव और नन्दी रथ पर उमा-महेश, डोल रथ पर होल्कर स्टेट के मुखारविंद एवं रथ पर श्री घटाटोप विराजित होकर अपनी प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकलें.
लाखो की संख्या मे पहुंचे भक्त उज्जैन
महाकाल की नगरी मे रोजाना लाखों भक्त तो उज्जैन पहुंचते है. लेकिन सावन-भादो के माह भक्तो की संख्या और अधिक बढ़ जाती है.क्यूकि सावन और भादो मे भगवान महाकाल अपनी प्रजा का हाल जानने नगर भर्मण पर निकलते है. भादो मास के पहले सोमवार भी भगवान महाकाल के दरबार मे सवारी के पहले लाखो श्रद्धालु ने बाबा महाकाल का दर्शन कर आर्शीवाद लिया.
FIRST PUBLISHED : August 26, 2024, 18:24 IST