हरिद्वार. हिंदू धर्म में अमावस्या एक विशेष महत्व रखती है. पंचांग के अनुसार प्रत्येक मास के कृष्णपक्ष की पंद्रहवीं तिथि अमावस्या कहलाती है. 20 अगस्त से भाद्रपद माह की शुरुआत हो चुकी है. ऐसे में 2 सितंबर को भाद्रपद माह की अमावस्या पड़ रही है, जिसे पिठोरी अमावस्या और कुश ग्रहणी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है. भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अमावस्या को कुश ग्रहणी अमावस्या के रूप में मनाया जाता है इसे देव पितृ कार्य अमावस्या और पिठोरी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है कि इस दिन इस दिन व्रत और अन्य पूजन कार्य करने से पितरों की आत्मा को शान्ति प्राप्त होती है. शास्त्रों के अनुसार अमावस्या तिथि का स्वामी पितृदेव होता है
हरिद्वार के विद्वान ज्योतिषी पंडित श्रीधर ने Bharat.one को बताया की भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अमावस्या सभी अमावस्या में विशेष महत्व रखती है. इस अमावस्या पर धार्मिक कार्यों में पवित्रता लाने के लिए कुशा को ग्रहण किया जाता है इसलिए इसे कुश ग्रहणी अमावस्या या पिठोरी अमावस्या कहते हैं. धार्मिक कार्यों में पवित्रता बनाए रखने के लिए कुशा का प्रयोग किया जाता है. कुशा ग्रहणी अमावस्या पर कुशा प्राप्त (उखाड़ने) करने के लिए मंत्र ॐ हुं फट् स्वाहा मंत्र का उच्चारण किया जाता हैं.
कुश ग्रहणी अमावस्या का महत्व
पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि साल 2024 में कुश ग्रहणी अमावस्या या कुशोत्पाटिनी अमावस्या 2 सितंबर सोमवार को होगी. यह सोमवती अमावस्या है जिस पर पूजा पाठ, धार्मिक कार्य, पितरों के निमित्त कर्मकांड आदि करने पर विशेष फल की प्राप्ति होगी. जहां पवित्र कुशा के प्रयोग से पितृ कार्य पूर्ण होंगे तो वहीं धार्मिक कार्य भी संपूर्ण फल प्रदान करेंगे. धार्मिक ग्रंथो के अनुसार हिंदू धर्म में कुश ग्रहणी अमावस्या सबसे अधिक फल प्रदान करने वाली होती है. इस अमावस्या पर यदि नाराज पितरों को कुशा का प्रयोग करके प्रसन्न किया जाए और उनके निमित्त पिंडदान, तर्पण आदि किया जाए तो उसकी संपूर्ण फल प्राप्त होगा जिससे पितरों को मोक्ष की प्राप्ति मिलेगी.
Note: कुशाग्रहणी/कुशोत्पाटिनी अमावस्या के बारे में ओर अधिक जानकारी करने के लिए आप हरिद्वार के विद्वान ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री से उनके फोन नंबर 9557125411 और 9997509443 पर संपर्क कर सकते हैं.
FIRST PUBLISHED : August 22, 2024, 12:37 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.