सतना. खजुराहो के मंदिरों की भव्यता और पवित्रता को पूरी दुनिया जानती है, लेकिन इनमें से एक मंदिर ऐसा भी है जिसे आज भी पूजा-अर्चना के लिए विशेष रूप से महत्व दिया जाता है. यह मंदिर है मतंगेश्वर महादेव मंदिर जिसे धार्मिक और ऐतिहासिक दोनों ही दृष्टियों से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है. यह मंदिर न केवल खजुराहो के इतिहास का अभिन्न अंग है, बल्कि आज भी यहां की धार्मिक आस्था से जुड़ा हुआ है.
मंदिर की संरचना और विशेषता
मतंगेश्वर मंदिर खजुराहो के लक्ष्मण मंदिर के पास स्थित है और इसका आकार 35 फीट वर्गाकार है. मंदिर का गर्भगृह चौकोर है, जिसमें प्रवेश का द्वार पूर्व दिशा में है. मंदिर की सादगी और संरचना अद्वितीय है, जिसमें शिखर बहुमंजिला है. इसका निर्माण 950-1002 ईस्वी के बीच का माना जाता है. इस मंदिर के गर्भगृह में 8 फीट 4 इंच ऊँचा और 3 फीट 8 इंच घेरे वाला एक विशाल शिवलिंग स्थित है, जिसे मृत्युंजय महादेव के नाम से जाना जाता है.
मंदिर का धार्मिक महत्व
मतंगेश्वर महादेव मंदिर का धार्मिक महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि यहां आज भी सदियों से निरंतर पूजा-अर्चना की जा रही है. इस मंदिर की छत बहुमंजिला और पिरामिड आकार की है. मंदिर की निर्माण सामग्री खार-पत्थर से बनी है और अंदर देव प्रतिमाएं भी कम संख्या में हैं. इसका कक्ष चौकोर है और इसकी ऊंचाई को सादी पट्टियों से तीन भागों में विभाजित किया गया है. स्तंभों का ऊपरी भाग कहीं-कहीं बेलबूटों से सजाया गया है. मंदिर का गुम्बद भीतर से गोलाकार है, जो इसकी वास्तुकला की अनूठी विशेषता है.
शिवलिंग की अद्वितीयता और मणि का रहस्य
मंदिर में स्थित शिवलिंग के नीचे एक मणि स्थित है, जिसे प्राचीन कथाओं के अनुसार भगवान शिव ने पांडवों के बड़े भाई युधिष्ठिर को प्रदान किया था. युधिष्ठिर ने इस मणि को मतंग ऋषि को समर्पित कर दिया, और बाद में इस मणि को मतंग ऋषि ने राजा हर्षवर्धन को सौंपा. मतंग ऋषि ने इस मणि को भगवान शिव के शिवलिंग के नीचे सुरक्षा की दृष्टि से स्थापित किया था. इसी कारण इस मंदिर का नाम मतंगेश्वर पड़ा. यह मणि शिवलिंग के प्रताप को और भी बढ़ाती है और यहां आने वाले भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती है.
शिवलिंग की बढ़ती ऊँचाई का रहस्य
मतंगेश्वर मंदिर के शिवलिंग की विशेषता इसकी लगातार बढ़ती ऊंचाई है. हर साल यह शिवलिंग अपनी ऊंचाई में वृद्धि करता है, जिसका रहस्य आज तक किसी के समझ में नहीं आया है. हालांकि, ज्योतिष महंत विद्याप्रकाश अवस्थी ने इस बात का खंडन किया है और बताया है कि यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया हो सकती है. फिर भी, यह शिवलिंग मंदिर की अन्य विशेषताओं की तुलना में अद्वितीय है और इसे मृत्युंजय महादेव के रूप में पूजनीय बनाया गया है.
मंदिर की सादगी और पवित्रता
मतंगेश्वर मंदिर की एक और खासियत यह है कि इसके स्तंभ और दीवारों पर खजुराहो के अन्य मंदिरों की तरह कामुक प्रतिमाएं नहीं है. यह मंदिर अपनी सादगी और पवित्रता के कारण खास माना जाता है. शिवलिंग का जितना हिस्सा धरती के ऊपर दिखाई देता है, उससे अधिक धरती के अंदर स्थित है, जो इसकी दिव्यता को और भी बढ़ाता है.
है धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व
खजुराहो के मतंगेश्वर मंदिर का धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व इसे विशेष बनाता है. यह मंदिर न केवल भगवान शिव के प्रति श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि भारतीय वास्तुकला और धार्मिक आस्था का भी अद्वितीय उदाहरण है. यहां कि शिवलिंग और मणि के रहस्यों ने इसे सदियों से श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केन्द्र बना रखा है.
FIRST PUBLISHED : August 26, 2024, 13:51 IST