भाद्रपद की इस छठ पूजा की विधि बहुत ही अनोखी है. इसमें सबसे पहले छ्यूल की टहनी और कुश को घर के आंगन में मिट्टी के सहारे खड़ा किया जाता है और उसी के पास एक तालाबनुमा गड्ढा खोदकर उसमें गांव से दूर किसी तालाब से पानी लाकर डाल दिया जाता है. महिलाएं एक-दूसरे को कहानी सुनाकर छठी माता के महत्व को बताती है.