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मिथिला के इस पूजन से होती है पूजा-पाठ की शुरुआत, जानें शुभ मुहूर्त और विशेषताएं


दरभंगा : मिथिला में गणेश पूजा के बाद विभिन्न पूजा पाठ और पर्व त्यौहारों की शुरुआत होती है. गणेश पूजा भाद्र शुक्ल चतुर्थी से प्रारंभ होती है, जो इस वर्ष 7 सितंबर 2024 को है. इसके बाद इंद्र पूजा और विश्वकर्मा पूजा होती है. गणेश पूजा का विशेष महत्व है क्योंकि यह शुभारंभ का प्रतीक है और किसी भी अनुष्ठान या पूजा पाठ से पहले गणेश की आराधना की जाती है. मिथिलांचल में गणेश पूजा का विशेष महत्व है और यहां किसी भी अनुष्ठान में सबसे पहले गणेश की पूजा की जाती है.

गणेश पूजा का शुभ मुहूर्त भाद्र शुक्ल चतुर्थी से प्रारंभ होता है, जो इस वर्ष 7 सितंबर 2024 को है. इस पर विस्तृत जानकारी देते हुए कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर ज्योतिष विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ कुणाल कुमार झा बताते हैं कि इस बार गणेश पूजा आरंभ भाद्र शुक्ल चतुर्थी से प्रारंभ होगी, जो 7 सितंबर 2024 को है . खास कर के मिथिलांचल में व्रत पर्व और त्योहारों का शुभारंभ गणेश पूजा से ही किया जाता है.

7 सितंबर से प्रारंभ हो रही गणेश पूजा
गणेश पूजा 7 सितंबर से प्रारंभ हो रहा है और वह पूजा संपन्न चतुर्थी को होता है. उसके बाद इंद्र पूजा का आरंभ हो जाता है , फिर उसके बाद विश्वकर्मा पूजा होगा. इसलिए गणेश पूजा से ही पर्व त्यौहार का प्रारंभ मिथिलांचल में हो जाता है . कारण है कि किसी भी शुभ आदि कर्म या अनुष्ठान में सूर्यआदि पंचदेवता और गणपत्यादी पंचदेवता पूजा का विधान है . सूर्य आदि पंच देवता में दिन को सूर्य आदि पंचदेवता के पूजन का विधान होता है .

पंच देवता की पूजा का विधान है
रात्रि को गणपत्यादी पंच देवता के पूजा का विधान है. गणपति आदि पंच देवता या सूर्य आदि पंच देवता में पंच देवता होते हैं. जिसमें सूर्य , गणेश , केशव , रुद्र और दुर्गा यह पांच देवता है. खास करके गणेश पूजा का विशेष महत्व है. बता दें कि अनादि काल से ही देवों के देव महादेव के द्वारा ही कहा गया है कि इस ब्रह्मांड में सर्वप्रथम गणेश की पूजा की जाएगी. यह पर्व महाराष्ट्र में काफी धूमधाम से मनाया जाता है. लेकिन मिथिलांचल में गणेश पूजा तो मनाया ही जाता है साथ में कोई विशेष तारीख दिन इसके लिए नहीं होता यहां किसी भी अनुष्ठान, पूजा पाठ में सबसे पहले गणेश की आराधना की जाती है .

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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