खेजड़ी के वृक्ष को वैदिक यज्ञ में प्रयोग किया जाता है. इसे वेदों में पवित्र शमी वृक्ष कहा गया है. खेजड़ी की पूजा जन्माष्टमी, गोगा नवमी, दशहरा और पतवारी पूजन पर की जाती है. खेजड़ी की डाली को शादी के समय तोरणद्वार पर लाई जाती है. इस पेड़ के सूखे छिलकों का इस्तेमाल यज्ञ में किया जाता है.