शनि देव को कर्म का फलदाता कहा जाता है.ये अच्छे काम का अच्छा और बुरे काम का बुरा परिणाम देते हैं.
Saturday Remedy : हिन्दू धर्म में शनि देव को कर्मफलदाता के नाम से जाना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि यदि शनि देव आपसे प्रसन्न हैं तो वे आपको फर्श से उठाकर अर्श तक पहुंचा देते हैं और यदि आपसे रुष्ठ हुए तो अर्श से फर्श पर भी ले आते हैं. यही कारण है कि उनकी पूजा में कई सारे नियमों का पालन करना जरूरी होती है. हम शनि देव को प्रसन्न करने के लिए कई फूल चढ़ाते हैं लेकिन अनजाने में ऐसे फूल चढ़ा देते हैं, जिनसे शनि देव आपसे नाराज हो सकते हैं. इन फूलों को शनि देव पर चढ़ाना वर्जित माना गया है. कौन से हैं ये फूल? आइए जानते हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से.
लाल रंग के फूल
आपने पौधों में लगे लाल रंग के फूल जैसे गुड़हल या गुलाब कई देवी या देवताओं पर चढ़ाएं होंगे. कहा जाता है कि लाल रंग के फूल खास तौर पर मां दुर्गा को प्रिय होते हैं, लेकिन आप लाल रंग के फूल शनि देव को कभी ना चढ़ाएं. इससे आपको आने वाले समय में समस्याओं से जूझना पड़ सकता है.
ऐसा कहा जाता है कि लाल रंग का संबंध मंगल से होता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि और मंगल का एक होना शुभ नहीं माना गया है क्योंकि जब आप लाल रंग के फूल शनि देव को चढ़ाते हैं तो इसका मतलब मंगल को उनके समक्ष रखना, जिससे शनि देव आपसे नाराज हो सकते हैं और आपको जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
गेंदे का फूल
आपने आमतौर पर सभी देवी या देवताओं के मंदिर में गेंदा के फूल देखे होंगे. शास्त्रों में भी कहा जाता है कि गेंदे का फूल चढ़ाने से भगवान हमसे प्रसन्न होते हैं लेकिन शनि देव के चरणों में यदि आप गेंदे का फूल चढ़ाते हैं तो इसे अशुभ माना जाता है. इसका कारण है गेंदे के फूल का सूर्य का प्रतीक होना.
सूर्य देव से शनि देव का पिता- पुत्र का संबंध है, बावजूद इसके दोनों के ही संबंध अच्छे नहीं माने जाते. ऐसे में जब आप गेंदे का फूल शनि देव को चढ़ाते हैं, जोकि सूर्य का प्रतीक है तो शनि देव आपसे नाराज हो सकते हैं और उनके क्रोध से आपके जीवन में कई समस्याएं आ सकती हैं.
FIRST PUBLISHED : September 28, 2024, 09:11 IST