अभिषेक जायसवाल/ वाराणसी: नवरात्र शक्ति उपासना का महापर्व है. वैसे तो एक साल में कुल 4 नवरात्र होते हैं. इसमें दो गुप्त और दो प्रत्यक्ष नवरात्र होते हैं. इन चारों नवरात्र में शारदीय नवरात्र का विशेष महत्व है. आश्विन मास में पड़ने वाले नवरात्र को शारदीय नवरात्र कहते हैं. पंचांग के अनुसार इस बार शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 3 अक्टूबर से हो रही है. आइये जानते हैं काशी के ज्योतिषाचार्य से शारदीय नवरात्र के बारे में.
काशी के ज्योतिषाचार्य स्वामी कन्हैया महाराज ने Local18 को बताया कि शारदीय नवरात्रि को आदि शक्ति मां दुर्गा के उपासना और उनकी कृपा पाने के लिए नौ दिन मनाया जाता है. ऐसी धार्मिक मान्यता है कि इन नौ दिनों में यदि देवी की पूजा आराधना सच्चे मन से की जाए, तो भक्तों की सभी मनचाही मुरादें पूरी होती है और हर तरह का संकट भी दूर होता है.
डोली पर आएंगी मां दुर्गा
इस बार शारदीय नवरात्र 3 अक्टूबर से शुरू हो रहे हैं, जो 11 अक्टूबर तक चलेंगे. 12 अक्टूबर को दशहरा का महापर्व मनाया जाएगा. हिन्दू पंचांग के अनुसार इस बार देवी का आगमन डोली पर हो रहा है. इस बार मां पालकी यानि डोली पर सवार होकर आ रही हैं. ऐसी मान्यता है कि देवी का आगमन डोली पर हो तो प्राकृतिक आपदा का डर बना रहता है. इसके अलावा दो देशों के बीच हिंसा और तनाव भी बढ़ सकता है.
इन देवियों की होती है पूजा
शारदीय नवरात्र के नौ दिनों में नौ देवियों की पूजा होती है. पहले दिन माता शैलपुत्री देवी, दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन चंद्रघंटा, चौथे दिन कुष्मांडा, पांचवे दिन स्कन्द माता, छठे दिन माता कात्यायनी, सातवें दिन कालरात्रि, आठवें दिन महागौरी और 9वें दिन सिद्धिदात्री के दर्शन का विधान है.
FIRST PUBLISHED : September 18, 2024, 15:25 IST
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