देवघर: गणेश चतुर्थी, फिर पितृपक्ष और उसके बाद शारदीय नवरात्रि. हिंदू धर्म में इन पवित्र पर्वों का सभी को बेसब्री से इंतजार होता है. खासकर नवरात्रि का, क्योंकि इन नौ दिनों में कई तरह के शुभ कार्य भी शुरू होते हैं. यूं तो मां भगवती को समर्पित नवरात्रि के 9 दिन बहुत ही शुभ माने जाते हैं, लेकिन इस दौरान मां का आगमन उससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण होता है. मां किस सवारी पर आ रही हैं, इसका खास प्रभाव अगले छह महीने यानी चैत्र नवरात्रि तक शुभ और अशुभ फल के रूप में दिखता है.
देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने Bharat.one को बताया कि ऋषिकेश पंचांग के अनुसार, शारदीय नवरात्रि की शुरुआत अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है. इस साल 3 अक्टूबर भोर 4 बजकर 52 मिनट से प्रतिपदा तिथि की शुरुआत मानी जा रही है. इस तिथि का समापन अगले दिन 4 अक्टूबर को भोर में 3 बजकर 12 मिनट पर होगा. उदया तिथि के अनुसार कलश स्थापना 3 अक्टूबर को ही की जाएगी. इस दिन हस्त नक्षत्र के साथ एन्द्र योग भी रहने वाला है. वहीं, घटस्थापन के दिन माता दुर्गा देवलोक से हाथी, घोड़ा, नाव, डोली पर सवार होकर धरती लोक पर वास करती हैं.
शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा की ये है सवारी
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि माता दुर्गा के आगमन और प्रस्थान की सवारी दिन के हिसाब से तय होती है. अगर सोमवार या रविवार नवरात्रि शुरू होती है तो मां का आगमन हाथी पर होता है. मंगलवार या शनिवार के दिन मां का आगमन घोड़े पर, शुक्रवार या गुरुवार के दिन मां दुर्गा का आगमन डोली या पालकी पर होता है और बुधवार के दिन मां का आगमन नाव पर होता. इस साल गुरुवार के दिन घटस्थापना होने वाली है. इस हिसाब से माता दुर्गा का आगमन डोली पर होने वाला है, जिसे शुभ नहीं माना जाता है.
क्या पड़ेगा इस सवारी का प्रभाव
ज्योतिषाचार्य पं नंदकिशोर मुद्गल बताते हैं कि इस साल माता दुर्गा का आगमन डोली पर होने जा रहा है, जो अशुभ संकेत माना जाता है. अगले छह महीने यानी चैत्र नवरात्रि तक मानव जीवन के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ने वाला है. लोग मौसमी बीमारी की चपेट में ज्यादा आएंगे और प्राकृतिक आपदा की संभावना भी बन सकती है.
FIRST PUBLISHED : September 3, 2024, 14:09 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.