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शिवलिंग की पूजा करते समय कहीं आप भी तो नहीं करते ये गलती? खुश नहीं रुष्ट होंगे शिव, उम्र भर को लगेगा पाप!


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Shivling Pooja Niyam: शिवलिंग की पूजा करते समय इस नियम का पालन करना जरूरी है. ज्योतिषाचार्य का कहना है कि गलत तरीके से पूजा करने से भोलेनाथ प्रसन्न की जगह रुष्ट हो सकते हैं.

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शिवलिंग

शिवलिंग के जलहरी को कभी नहीं लंघणा चाहिए.

हाइलाइट्स

  • शिवलिंग की परिक्रमा अर्द्ध चंद्राकार में करें.
  • जलहरी को पार न करें, इससे भगवान शिव नाराज हो सकते हैं.
  • पूजा विधि का सही पालन न करने से नकारात्मक असर पड़ सकता है.

देवघर. कहा जाता है कि भगवान शिव बेहद भोले हैं. एक पात्र जल और बेलपत्र से भी प्रसन्न हो जाते हैं और व्यक्ति के जीवन में खुशहाली भर देते हैं. कई लोग भगवान शिव की पूजा पूरी विधि-विधान के साथ करते हैं. माना जाता है कि भगवान शिव की पूजा पंचोपचार या शोडशोपचार विधि से करें तो भगवान शिव जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं और व्यक्ति की मनोकामनाएं पूरी करते हैं.

भगवान भोलेनाथ की पूजा के साथ-साथ परिक्रमा का भी नियम है लेकिन कुछ भक्त परिक्रमा में ऐसी गलती कर देते हैं, जिससे वे पुण्य की जगह पाप के भागी बन सकते हैं. भगवान शिव की पूजा, आराधना और परिक्रमा में किन गलतियों से बचना चाहिए, जानते हैं देवघर के ज्योतिषाचार्य से?

क्या कहते हैं देवघर के ज्योतिषाचार्य
देवघर के पागल बाबा आश्रम स्थित मुद्गल ज्योतिष केंद्र के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंद किशोर मुद्गल ने Bharat.one से बातचीत करते हुए बताया कि कुछ ही दिनों में सावन का महीना शुरू होने वाला है और सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित रहता है. इस महीने में सभी शिवालयों में शिव भक्तों की भीड़ उमड़ती है और सभी भक्त अपने-अपने तरीके से भगवान शिव को प्रसन्न करने में लग जाते हैं.

परिक्रमा करते वक्त रखें इन बातों का ध्यान
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि भक्त भगवान शिव की पूजा-आराधना करने के बाद शिवलिंग की परिक्रमा करते हैं. लेकिन शिवलिंग की परिक्रमा में कुछ नियमों का भी पालन करना पड़ता है, वर्ना आप पाप के भागी बन सकते हैं. कई लोग भगवान शिव के शिवलिंग की पूजा के बाद 5, 7, 11 बार परिक्रमा करते हैं लेकिन शिव पुराण के अनुसार शिवलिंग की परिक्रमा हमेशा अर्द्ध चंद्राकार में करनी चाहिए.

इस तरह करें परिक्रमा
यानी भक्त बाईं ओर से शुरू करें, जलहरी तक (जहां शिवलिंग से पानी निकलता है) जाएं, वहां से फिर वापस लौट जाएं यानी आधी परिक्रमा करें. जलहरी को बिल्कुल भी पार नहीं करना चाहिए. इससे भगवान शिव नाराज हो सकते हैं और आप पर नकारात्मक असर पड़ सकता है. पुण्य की जगह पाप के भागी बन सकते हैं.

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शिवलिंग की पूजा करते समय आप भी तो नहीं करते ये गलती? खुश नहीं रुष्ट होंगे शिव!

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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