उज्जैन. हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व होता है. साल भर में 24 एकादशियां मनाई जाती हैं, और प्रत्येक एकादशी का अपना अलग महत्व होता है. मान्यता है कि इस दिन सभी नियमों का पालन करने से व्यक्ति को अपने पापों का प्रायश्चित करने का अवसर मिलता है. पंचांग के अनुसार, अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को इंदिरा एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस दिन भगवान विष्णु की आराधना से सभी पापों से मुक्ति मिलती है. आइए, उज्जैन के पंडित आनंद भारद्वाज से इंदिरा एकादशी की तिथि और पूजा विधि के बारे में विस्तार से जानते हैं.
कब मनाई जाएगी इंदिरा एकादशी?
हिंदू पंचांग के अनुसार, एकादशी तिथि का आरंभ 27 सितंबर, शुक्रवार को दोपहर 1:20 बजे होगा और यह 28 सितंबर, शनिवार को दोपहर 2:49 बजे समाप्त होगी. शास्त्रों के अनुसार, उदया तिथि में जब कोई तिथि लगती है, तो उसी दिन व्रत किया जाता है. इस आधार पर, इंदिरा एकादशी का व्रत 28 सितंबर को किया जाएगा.
इन चीजों का दान अवश्य करें
अश्विन महीने की इंदिरा एकादशी पर घी, दूध, दही और अन्न का दान करने का विधान है. इस दिन जरूरतमंदों को भोजन कराया जाता है, जिससे पितर संतुष्ट होते हैं. इन वस्तुओं का दान करने से सुख और समृद्धि की वृद्धि होती है, धन लाभ होता है, और स्वास्थ्य में भी सुधार होता है.
इंदिरा एकादशी पूजा विधि…
- इंदिरा एकादशी के दिन सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें. पितरों को याद करके उन्हें भी श्रद्धांजलि दें.
- पूजा के लिए सबसे पहले एक चौकी पर भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें और घी का दीपक जलाएं.
- भगवान विष्णु को पीला रंग अत्यंत प्रिय है, इसलिए उन्हें पीले फूल और मिठाई अर्पित करें. इसके बाद पूजा की अन्य सामग्रियों को भी चढ़ाएं.
- व्रत की कथा सुनें और भगवान विष्णु की आरती करें.
जरूर करें इन मंत्रों का जाप
ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि । तन्नो विष्णु प्रचोदयात्। ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्टं च लभ्यते।
FIRST PUBLISHED : September 26, 2024, 17:53 IST
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