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समुंद्र मंथन से उत्पन्न हुए 14 रत्नों में से एक है ये वृक्ष, 5000 साल से भी…



वेदों में गाय को “अघन्या” माना गया है, जो मारने के लिए निषिद्ध है और वृक्षों को देवता समान पवित्रता दी गई है. पारिजात वृक्ष को विशेष रूप से “देव वृक्ष” के रूप में जाना जाता है, जो धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के कारण अद्वितीय है.

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