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हरतालिका तीज के दिन चुपके से कर लें ये उपाय, पति-पत्नी में हमेशा बना रहेगा प्यार; वंश में भी होगी वृद्धि Remedy done secretly on the day of Hartalika Teej, there will always be happiness in married life.


देवघर. हरतालिका तीज का त्यौहार कुछ दिनों में आने वाला है. हरतालिका तीज के दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए गौरी शंकर की पूजा आराधना करती हैं. इस पर्व को हरतालिका तीज या हड़तालिका व्रत भी कहते हैं. माना जाता है कि यह करवा चौथ से भी ज्यादा कठिन व्रत होता है, क्योंकि करवा चौथ के दिन चांद का दर्शन करने के बाद व्रत तोड़ सकते हैं, लेकिन हरतालिका तीज में पूरा दिन निर्जला व्रत रखा जाता है और अगले दिन स्नान कर ही पारण किया जाता है.

विवाहित महिलाएं इस दिन पूजा आराधना के साथ यह उपाय कर लेती हैं तो उनके वैवाहिक जीवन में हमेशा खुशहाली बनी रहेगी और वंश वृद्धि होगी. क्या है वह उपाय जानते हैं देवघर के ज्योतिषाचार्य से?

क्या कहते हैं देवघर के ज्योतिषाचार्य
देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने Bharat.one के संवाददाता से बातचीत करते हुए कहा कि हरतालिका व्रत हर साल भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष की तिथि को रखा जाता है. इस साल 06 सितम्बर को हरतालिका तीज का व्रत रखा जाएगा. सभी व्रत में सुहागिन महिलाओं के लिए यह व्रत बेहद खास होता है, क्योंकि हरतालिका तीज का व्रत रखने से माता पार्वती के सामान ही सुखपूर्वक पतिरमण करके शिवलोक को जाती है. हरतालिका तीज के दिन पूरे विधि विधान के साथ गौरी शंकर की पूजा आराधना करनी चाहिए. इससे पति-पत्नी के बीच का वैवाहिक जीवन सुख में रहता है.

भगवान शिव और माता पार्वती से पहले करें इस देवता की पूजा
ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल जानकारी देते हैं कि कई सुहागिन महिलाएं हरतालिका तीज के दिन यह गलती करते हैं कि वह भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा आराधना करने से पहले उनके सबसे प्रिय गण और उनके पुत्र भगवान गणेश की पूजा आराधना नहीं करते हैं. जबकि शिव पुराण में या उल्लेख है कि भगवान गणेश की ही पूजा आराधना के बाद भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा आराधना करनी चाहिए. तभी पूजा सफल माना जाता है.

हरतालिका तीज के दिन करें यह उपाय
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि पति-पत्नी के बीच हमेशा खुशहाली बनी रहे और उनके वश में कोई भी समस्या ना हो तो हरतालिका तीज के दिन एक उपाय अवश्य करें. उस दिन चुपके से भगवान गणेश की पंचोउपचार विधि से पूजा आराधना करें और धुर्वा चढ़ा कर मालपुएं का भोग लगाएं. भगवान गणेश का मोदक के बाद सबसे प्रिय भोग मालपुआ ही है. उसके बाद ही प्रदोष काल में शोडॉपउपचार विधि से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा आराधना करें.

इस बात का रखें ध्यान
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि हरतालिका तीज के दिन सुहागिन महिलाएं ध्यान रखें कि उस दिन उनका वस्त्र हरा और श्रृंगार भी हरा ही हो, नहीं तो लाल या पीला वस्त्र पहनें. इसके अलावा दूसरे रंग का वस्त्र या श्रृंगार बिल्कुल भी ना करें.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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