ईश्वर उनकी जल्दी सुनते हैं, जिनकी भक्ति सच्ची होती है और जो बिना शर्त के आराधना करते हैं.ऐसे भक्त जो अपने ईश्वर से कुछ भी नहीं चाहते तो ऐसे भक्तों के मन में भी कोई इच्छा होती है.
Incomplete Wish : धर्म कोई भी हो लेकिन एक समय ऐसा होता है जब आप अपने भगवान से कुछ ना कुछ जरूर मांगते हैं और वो मनोकामना पूरी नहीं होती. बात करें हिन्दू धर्म की तो आपने अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए कई व्रत रखते देखा होगा या कई लोग रात जागरण कर भजन गाते सुना होगा. कई लोग एक के बाद एक कई भगवान के मंदिरों में जाकर कुछ ना कुछ भेंट कर अपनी मन्नत पूरी होने का कहते हैं लेकिन समस्या तब आती है जब आपकी लाख कोशिशों के बाद भी वह मनोकामना पूरी नहीं होती.
आपको ऐसे समय में यह ख्याल भी आता है कि आखिर क्यों ईश्ववर आपकी नहीं सुन रहे हैं. आपकी भक्ति में कोई कमी है या फिर आराधना करने का तरीका गलत है. यदि आपके मन में ऐसे सवाल उठते हैं तो इस आर्टिकल में हमें बता रहे हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा.
क्यों नहीं होती मनोकामना पूर्ण
ऐसी मान्यता प्रचलित है कि ईश्वर उन भक्तों की जल्दी सुनते हैं, जिनकी भक्ति सच्ची होती है और जो बिना शर्त के आराधना करते हैं यानी कि ऐसे भक्त जो अपने ईश्वर से कुछ भी नहीं चाहते तो ऐसे भक्तों के मन में भी कोई इच्छा होती है तो भगवान उनके मन की इच्छा भी पूरी करते हैं और जिन भक्तों की श्रृद्धा नहीं होती सिर्फ प्रसाद चढ़ाकर अपनी इच्छा पूरी कराने पहुंचते हैं तो ऐसे भक्तों की सुनवाई नहीं होती है.
वहीं एक और बड़ा कारण यह भी माना जाता है कि भक्त द्वारा मांगी जाने वाली मन्नत ईश्वर को ठीक नहीं लगती यानी कि वह आपको वो सब देते हैं जो आपके लायक है और आपके लिए जरूरी है. उदाहरण के लिए यदि कोई बच्चा अपने माता पिता से कोई ऐसी चीज मांगता है जो उसके लिए सही नहीं है तो वह उसे नहीं दिलाते क्योंकि वे जानते हैं इसका उसके जीवन में कोई महत्व नहीं है और इससे उसका कोई कल्याण नहीं होने वाला है. इसी प्रकार ईश्वर का भी अपने भक्तों की इच्छा को लेकर यही मानना है.
FIRST PUBLISHED : September 26, 2024, 17:53 IST