हरिद्वार. हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से लेकर नवमी तिथि तक शारदीय नवरात्रि मनाया जाता है. इन 9 दिनों में जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा की जाती है. साथ ही नवदुर्गा के निमित्त 9 दिनों तक व्रत-उपवास रखा जाता है . साल में यूं तो 4 बार नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. जिनमें 2 नवरात्रि चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि सबसे प्रचलित है. दो गुप्त नवरात्रि मुख्य रूप से तंत्र साधक करते हैं क्योंकि गुप्त नवरात्रि में देवी की दस महाविद्याओं की साधना होती है.
हरिद्वार के विद्वान ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री ने बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 03 अक्टूबर को देर रात 12. 18 बजे से शुरू होगी. वहीं, इस तिथि का समापन 04 अक्टूबर को देर रात 02.58 मिनट पर होगा. सनातन धर्म में सूर्योदय से तिथि की गणना की जाती है. इस लिए 03 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होगी. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस साल नवरात्रि हस्त नक्षत्र और चित्रा नक्षत्र का संयोग बन रहा है. इस दौरान रुके हुए सभी कार्य पूरे हो जाएंगे और शुभ फल प्राप्त होगा. ज्योतिष शास्त्र में हस्त नक्षत्र को बेहद ही खास और महत्वपूर्ण बताया गया है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हस्त नक्षत्र में कोई भी संकल्प करने पर वह पूरा हो जाता है.
शारदीय नवरात्रि में 2 दुर्लभ संयोग
पंडित श्रीधर शास्त्री ने Bharat.one को बताया कि 03 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होगी. इस विशेष तिथि पर हस्त नक्षत्र और चित्रा नक्षत्र का संयोग बन रहा है. इस साल शारदीय नवरात्र 03 अक्टूबर से लेकर 11 अक्टूबर तक है. वहीं, 12 अक्टूबर को दशहरा यानी विजयादशमी. शारदीय नवरात्रि और हस्त नक्षत्र का महत्व भगवान राम से जुड़ा हुआ है. शारदीय नवरात्रि पर घट स्थापना का मुहूर्त 03 अक्टूबर को सुबह 06.15 से लेकर सुबह 07. 22 तक है. वहीं, अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 46 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 33 मिनट तक है.
हस्त नक्षत्र का महत्व
पंडित श्रीधर शास्त्री आगे बताते हैं कि रावण से अंतिम युद्ध करने से पहले भगवान राम ने देवी की पूजा अर्चना करने के लिए संकल्प किया था और 9 दिन तक देवी की पूजा अर्चना की थी इसके बाद देवी ने प्रसन्न होकर जीत का आशीर्वाद दिया था. धार्मिक ग्रंथो के अनुसार भगवान राम ने रावण के साथ अंतिम युद्ध हस्त नक्षत्र में ही किया था. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार धार्मिक दृष्टि से हस्त नक्षत्र बहुत अधिक श्रेष्ठ माना जाता है. हस्त नक्षत्र में यदि कोई भी संकल्प धार्मिक दृष्टि से किया जाए तो वह जरूर पूरा होता है. ऐसे ही साल 2024 में शक्ति की देवी माता दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए नवरात्रि 3 अक्टूबर से हस्त नक्षत्र में शुरू होंगे.
Note: हस्त नक्षत्र में शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू होंगे. हस्त नक्षत्र में धार्मिक दृष्टि से संकल्प कर विजय प्राप्त करने की जानकारी के लिए आप हरिद्वार के विद्वान ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री से उनके फोन नंबर 9557125411 और 9997509443 पर संपर्क कर सकते हैं.
FIRST PUBLISHED : August 27, 2024, 14:42 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.