Wednesday, September 24, 2025
30 C
Surat

अंबाला: मां दुख भंजनी मंदिर में नवरात्रि पर मां काली का दूध स्नान


Last Updated:

Ambala News: हरियाणा के अंबाला में स्थित मां काली के दुख भंजनी मंदिर में नवरात्रि के दौरान मां काली की मूर्ति को दूध से स्नान कराया जाता है. यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है

अंबाला: हरियाणा के अंबाला शहर में स्थित मां काली का एक बहुत ही प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर है, जिसे मां दुख भंजनी मंदिर के नाम से जाना जाता है. इस मंदिर में मां काली को सभी भक्तों के दुखों का निवारण करने वाली देवी माना जाता है. उत्तर भारत के सबसे पुराने मंदिरों में से एक, इस मंदिर की एक विशेष परंपरा है कि नवरात्रों के दौरान मां काली की मूर्ति को दूध से स्नान कराया जाता है. दूर-दूर से श्रद्धालु यहां मां काली के दर्शन और आशीर्वाद प्राप्त करने आते हैं और उस दूध को प्रसाद के रूप में प्राप्त करते हैं, जिससे मां को स्नान कराया गया होता है. यह एक अनूठी परंपरा है और कोलकाता और कटक के बाद, अंबाला एकमात्र ऐसा स्थान है जहां इस प्रकार की पूजा होती है.

दूर-दूर आते हैं श्रद्धालु

मंदिर की वास्तुकला भी अद्वितीय है, क्योंकि यह एक तालाब के बीच में स्थित है और चारों ओर से तालाब से घिरा हुआ है, जो इसे अत्यंत आकर्षक बनाता है. नवरात्रों के दिनों के अलावा, यहां रोजाना बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं, विशेष रूप से शनिवार को. आज अंबाला शहर स्थित मां दुःख भंजनी मंदिर में तीसरे नवरात्रे वाले दिन मां का दूध स्नान करवाया गया और सुबह लगभग 5 बजे से श्रद्धालु भारी संख्या में मां का दूध स्नान करवाने लगे.

पूरे शहर में निकाली जाती है पालकी

Bharat.one को ज्यादा जानकारी देते हुए मंदिर के पंडित पंकज वशिष्ठ ने बताया कि नवरात्रे का पावन अवसर चल रहा है और आज तीसरे नवरात्र के दिन मां का दूध से स्नान किया जाता है. उन्होंने बताया कि यह प्रथा काफी सालों से चलती आ रही है और श्रद्धालु सुबह 5:00 से लेकर 12:00 बजे तक मां का दूध स्नान करते हैं. इसके बाद मां की पालकी पूरे शहर में निकाली जाएगी और फिर कल मां का ताजपोशी कार्यक्रम किया जाएगा जो सिर्फ उच्च मंदिरों में किया जाता है.

‘दूधों नहाओ, पूतों फलो’ का आशीर्वाद

उन्होंने बताया कि सातवें नवरात्रे वाले दिन इस मंदिर में भक्तों द्वारा मां की अखंड ज्योति जलाई जाती है और उसके बाद आठवें नवरात्रे वाले दिन बच्चों की एक प्रतियोगिता करवाई जाती है. प्रतियोगिता में भाग लेने वाले बच्चों को नौवें नवरात्रे वाले दिन पुरस्कार देकर प्रोत्साहित किया जाता है. उन्होंने बताया कि इस मंदिर में जो भी महिला भक्त मां का दूध से स्नान करती है उसे ‘दूधों नहाओ, पूतों फलो’ का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

मुरादे होती हैं पूरी

मंदिर में आए भक्तों से बात करने पर उन्होंने बताया कि वे पिछले काफी समय से इस मंदिर में माथा टेकने के लिए आ रहे हैं. नवरात्रे पर मंदिर में बहुत धूम होती है. उन्होंने बताया कि पूरा दिन मां के भजन-कीर्तन चलते रहते हैं और खास बात यह है कि जो भी पूरी श्रद्धा से मांगों, मां वह जरूर पूरा कर देती हैं. उन्होंने कहा कि इस मंदिर में मां का दूध स्नान करवाने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं, और दूर-दूर से भक्त इस मंदिर में माथा टेकने के लिए आते हैं.

न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
homedharm

एक ऐसा मंदिर जहां दूध से होता है मां काली का स्नान, जानें क्या है मान्यता

Hot this week

Topics

spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img