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Chaitra Navratri 2025:

अंबाला में यह शख्स नवरात्रों में सात दिन आंखों पर पट्टी बांधकर करेंगे अनुष्ठान,आ
हाइलाइट्स
- अंबाला के योगी दिनेश जिंदल नवरात्रि में आंखों पर पट्टी बांधकर करेंगे पूजा.
- सात दिन तक मौन व्रत और फलाहार के साथ करेंगे माता रानी की साधना.
- अनुष्ठान का उद्देश्य चित्र शुद्धि और ऊर्जा प्राप्ति है.
चैत्र नवरात्री. कुछ दिन बाद चैत्र नवरात्रें शुरू होने वाले हैं और इस दौरान लोग मां को प्रसन्न करने के लिए अलग-अलग तरीके के अनुष्ठान करते हैं और अलग-अलग तरीके से पूजा अर्चना करते हैं. लेकिन अंबाला के एक ऐसे शख्स हैं, जो माता रानी को प्रसन्न करने के लिए एक लग तरीके का अनुष्ठान करने वाले है, जिसमें नवरात्रों के सात दिन वह अपनी आंखों पर पट्टी बांधकर रखेंगे.
इस दौरान नवरात्रों के सातों दिन अलग-अलग तरह से माता रानी की पूजा अर्चना करेंगे,जिसमें मौन व्रत भी रखा जाएगा. इस बारे में Bharat.one को ज्यादा जानकारी देते हुए योगी दिनेश जिंदल ने बताया कि वह नवरात्रों में 7 दिन आंखों में पट्टी बांधकर माता रंज का अनुष्ठान करेंगे, जिसमें पहले नवरात्रि से चार दिन पहले वह दो दिन फल आहार करेंगे और उसके बाद 2 दिन फल आहार और मौन रखेंगे. उन्होंने बताया कि नवरात्रों के पहले दिन वह माता रानी की पूजा अर्चना करेंगे और जिसमें आंखों पर पट्टी बांधी जाएगी, और यह पट्टी सात दिनों तक इसी तरह से बंधी रहेगी. उन्होंने बताया कि वहइन सात दिनों में योगासन भी करेंगे और माता रानी का ध्यान करते हुए मेडीटेशन करेंगे.
इस अनुष्ठान को करने का उद्देश्य चित्र शुद्धि है, क्योंकि हम जब पूरी तरह से शांत हो जाते हैं, तो हमारे शरीर में एक अलग तरह की ऊर्जा पैदा हो जाती है. उन्होंने बताया कि इस तरह का अनुष्ठान करना आसान नहीं होता है. इसके लिए पहले से तैयारी करनी पड़ती है. क्योंकि में काफी लंबे समय से इस तरह के अनुष्ठान करता आ रहा हूं और लोगों को में योगासन के साथ-साथ अनुष्ठान करना भी सिखाता हूं. उन्होंने यह भी बताया कि इससे पहले भी वह इस तरह का अनुष्ठान कर चुके हैं, लेकिन इस बार का अनुष्ठान आंखों पर पट्टी बांधकर काफी लंबे समय तक किया जाएगा, जो खुद में एक वर्ल्ड रिकॉर्ड बनेगा. उन्होंने बताया कि वह पिछले लगभग 26 साल से साधना कर रहे हैं, और जिससे हमें मन की शांति तो होती है और हमारे अंदर एक अलग तरह की ऊर्जा पैदा होती है. इस अनुष्ठान में फल फ्रूट और जूस रोजाना शारीरिक अनुसार पिया जाता है, और मां की शांति के साथ माता रानी की पूजा अर्चना की जाती है.