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खरमास में शुभ कार्य रोक दिए जाते हैं, लेकिन शादी की खरीदारी करना बिल्कुल ठीक माना गया है. बस ध्यान रखें मंगलसूत्र, विवाह की अंगूठी और दुल्हन का जोड़ा न लें. बाकी सामान बिना चिंता खरीदा जा सकता है बस उसका उपयोग शुभ मुहूर्त तक न करें.

खरमास वह समय होता है जब सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में धीमी गति से चलता है. इस दौरान धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शुभ काम रोक दिए जाते हैं. लोग शादी, गृह प्रवेश जैसे बड़े काम करने से बचते हैं और साधारण दिनचर्या ही अपनाते हैं.

महंत स्वामी कामेश्वरानंद वेदांताचार्य के अनुसार 16 दिसंबर 2025 से 14 जनवरी 2026 तक खरमास रहेगा. उनका कहना है कि इस अवधि में सूर्य की शक्ति कमजोर होती है इसी वजह से यह समय शुभ कार्यों के लिए सही नहीं माना गया है.

धार्मिक मान्यता है कि इस महीने शुभ ऊर्जा कम होती है. मानते हैं कि सूर्य कमजोर होने से ग्रहों का संतुलन भी प्रभावित होता है. इसी कारण लोग शादी, नामकरण या कोई नया शुभ काम शुरू करने से बचते हैं, ताकि बाधाएं न आएं.
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शादी को बहुत पवित्र और शुभ काम माना जाता है. इसी वजह से इसे अच्छे ग्रह योग में करने की परंपरा है. खरमास में ग्रह स्थितियां अनुकूल नहीं मानी जातीं इसलिए परिवार इस समय विवाह जैसी बड़ी जिम्मेदारी उठाने से परहेज करते हैं.

खरमास में भले ही शादी न हो लेकिन खरीदारी करने पर कोई रोक नहीं है. लोग इस दौरान कपड़े, सामान और गिफ्ट्स आराम से खरीद सकते हैं. बस इतना ध्यान रखना जरूरी है कि खरीदी हुई चीजों का उपयोग शुभ तारीख आने तक न किया जाए.

पंडितों का मानना है कि मंगलसूत्र, विवाह की अंगूठी और दुल्हन का जोड़ा खरमास में नहीं लेना चाहिए. क्योंकि शादी का मुख्य सामान पवित्र मुहूर्त में ही लेना शुभ माना जाता है. बाकी सारे जरुरी चीजों की खरीद में कोई आपत्ति नहीं होती.

खरमास में शादी की खरीदारी करना बिल्कुल ठीक है इसमें कोई अशुभता नहीं मानी जाती. बस एक ही नियम याद रखें खरीदी गई चीजों को शुभ मुहूर्त तक इस्तेमाल न करें. सही समय आने पर ही उनका प्रयोग बेहतर माना गया है.







