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Langde Ki Chauki Hanuman Mandir: आगरा का लंगड़े की चौकी हनुमान मंदिर अकबर के शासनकाल से जुड़ा ऐतिहासिक स्थल है. यहां हनुमान जी की चौकीदारी की कहानी प्रसिद्ध है. मंदिर में हर मंगलवार को विशेष पूजा होती है.
लंगड़े की चौकी हनुमान मंदिर
हाइलाइट्स
- आगरा का लंगड़े की चौकी हनुमान मंदिर ऐतिहासिक स्थल है.
- मंदिर में हर मंगलवार को विशेष पूजा होती है.
- हनुमान जी की चौकीदारी की कहानी प्रसिद्ध है.
Langde Ki Chauki Hanuman Mandir Agra: वैसे तो आगरा में के धार्मिक स्थल मौजूद है, लेकिन यहां स्थित लंगड़े की चौकी हनुमान मंदिर एक प्राचीन और ऐतिहासिक धार्मिक स्थल है, जो अकबर के शासनकाल से जुड़ा हुआ है. यह मंदिर मथुरा-आगरा-फिरोजाबाद रोड के पास सिविल लाइन्स में स्थित है और अपनी धार्मिक महत्वता के कारण श्रद्धालुओं के बीच खास स्थान रखता है. कहा जाता है कि यह मंदिर राजा भोज के समय का है, लेकिन अकबर भी इस मंदिर की महिमा के आगे नतमस्तक था. इस मंदिर का नाम लंगड़े की चौकी कैसे पड़ा, इसके पीछे एक दिलचस्प कहानी जुड़ी हुई है.
स्वयं हनुमान महाराज करते थे चौकीदारी
मंदिर के महंत गोपी स्वरूप उपाध्याय बताते हैं कि इस मंदिर का नाम “लंगड़े की चौकी” पड़ने के पीछे एक रोचक घटना है. यह घटना अकबर के शासनकाल की है. उस समय मंदिर के पास एक सुरक्षा चौकी हुआ करती थी, जिस पर एक सिपाही पहरा देता था. मंदिर में रामकथा का आयोजन होता था, और यह चौकीदार रोज कथा सुनने के लिए मंदिर आता था. एक दिन मुगल सिपाहियों ने कोतवाल से शिकायत की कि वह चौकीदार पहरा छोड़कर मंदिर जाता है. गुस्से में आकर कोतवाल ने चौकीदार की टांग कटवा दी ताकि वह मंदिर न जा सके.
लेकिन अगले ही दिन, कोतवाल को पता चला कि वही चौकीदार फिर से मंदिर में बैठा हुआ था. इस पर कोतवाल ने गुस्से में राम कथा स्थल पर जाकर देखा, जहाँ वह चौकीदार लंगड़ा होकर बैठा था. इस अद्भुत दृश्य को देखकर कोतवाल चौकी पर गया और देखा वहां भी वह चौकीदार बैठा हुआ था. यह चमत्कार देखकर कोतवाल ने अकबर को बताया, और अकबर भी चमत्कृत हो गया. कहा जाता है कि इस घटना के बाद इस मंदिर का नाम लंगड़े की चौकी पड़ा, क्योंकि हनुमान जी खुद उस लंगड़े चौकीदार की जगह पहरा दे रहे थे.
जब भक्त के लिए अपने आप खुल गए मंदिर के दरवाजे
महंत गोपी स्वरूप उपाध्याय के अनुसार, करीब चार दशक पहले की एक घटना है. जब एक श्रद्धालु मुंबई से मंदिर दर्शन के लिए आया, लेकिन उसकी ट्रेन लेट हो गई और मंदिर के दरवाजे बंद हो चुके थे. श्रद्धालु ने दरवाजा खटखटाया और महंत जी से हनुमान जी के दर्शन कराने की विनती की. महंत जी ने मंदिर का दरवाजा नहीं खोला और कहा कि आप बाहर से अपनी श्रद्धा पूरी कर लें.
श्रद्धालु निराश हो गया, क्योंकि मंदिर में अंधेरा था और बिजली भी नहीं थी. महंत जी के हाथ में सिर्फ एक लालटेन थी. अचानक मंदिर के दरवाजे एक आवाज के साथ अपने आप ही खुल गए और एक उजाला हुआ. श्रद्धालु ने मंदिर के अंदर जाकर हनुमान जी के दर्शन किए. दर्शन के बाद जब श्रद्धालु चला गया, तो मंदिर के दरवाजे फिर से बंद हो गए.
हनुमान जयंती इस बार विशेष होगी
मंदिर के महंत गोपी स्वरूप उपाध्याय ने बताया कि इस बार की हनुमान जयंती विशेष रूप से मनाई जाएगी. मंदिर को सजाया जाएगा और फूल बंगले का आयोजन किया जाएगा. लोगों की आस्था है कि यहां आने वाले हर भक्त की मनोकामना पूरी होती है. लंगड़े की चौकी का मंदिर बेहद प्रसिद्ध और प्राचीन है, और यहां पर हर मंगलवार को श्रद्धालु विशेष रूप से हनुमान जी महाराज को चोला चढ़ाने के लिए आते हैं.
मंदिर सुबह 6:00 बजे से रात 12:00 बजे तक खुला रहता है. हालांकि, 1:00 से 2:30 बजे के बीच हनुमान जी को श्रृंगार और चोला चढ़ाया जाता है, तब मंदिर बंद रहता है.







