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आत्महत्या कर भूत बनकर भटक रहे पितर…इस दिन करें उनका श्राद्ध, शास्त्रों की इस ट्रिक से मुक्ति मिलनी तय


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Pitru Paksha Shraddha time :जैसे पितरों का श्राद्ध एक निश्चित तिथि में किया जाता है. वैसे ही दुर्घटना, आत्महत्या और दूसरे आप्राकृतिक कारणों से जान गंवाने वालों का श्राद्ध भी एक निश्चित तिथि में करने का विधान है…और पढ़ें

हरिद्वार. साल 2025 में श्राद्ध पक्ष के दिन 7 सितंबर से शुरू हो जाएंगे. भाद्रपद की पूर्णिमा से आश्विन मास की अमावस्या तक होने वाले श्राद्ध का समय निर्धारित किया गया है. जैसे सौभाग्यवती माता-स्त्री और संन्यासी पितरों का श्राद्ध एक निश्चित तिथि में किया जाता है, वैसे ही दुर्घटना, आत्महत्या और दूसरे आप्राकृतिक कारणों से जान गंवाने वालों का श्राद्ध भी एक निश्चित तिथि में करने का विधान है. 7 सितंबर से शुरू होने वाला पितृपक्ष 21 सितंबर अश्विन अमावस्या तक रहेगा. अप्राकृतिक रूप जैसे हत्या, आत्महत्या, गृह क्लेश, एक्सीडेंट, जहर खाने वाले, डूब कर जान गंवाने वाले व्यक्तियों का श्राद्ध किस तिथि में किया जाता है, आइये जानते हैं.

निकाला गया अलग दिन

हरिद्वार के विद्वान ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि 16 श्रद्धा पक्षों में ज्ञात अज्ञात सभी पितरों का श्राद्ध किया जाता है. जैसे सौभाग्यवती माता-स्त्री, संयासी पितृ आदि के श्राद्ध करने की तिथि को शास्त्रों में निर्धारित किया गया है. वैसे ही अप्राकृतिक रूप से शरीर त्यागने वाले व्यक्तियों का श्राद्ध भी एक निश्चित तिथि को ही करने का विधान है. सौभाग्यवती स्त्रियों का श्राद्ध आश्विन कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि को किया जाता है. वैसे ही एक्सीडेंट, जहर खाने, शस्त्र से जान गंवाने वाले, डूब कर या दूसरे अप्राकृतिक रूप से शरीर त्यागने वाले पितरों का श्राद्ध त्रयोदशी तिथि में किया जाता है. साल 2025 में ऐसे पितरों का श्राद्ध शुक्रवार 19 सितंबर को किया जाएगा.

शिव को प्रिय

पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि इस दिन अपने ऐसे पितरों, जिन्होंने अपना शरीर अप्राकृतिक तरीकों या हादसे में गंवाया है, उनका श्राद्ध त्रयोदशी तिथि में करने पर उन्हें प्रेत योनि से मुक्ति मिलने के साथ मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है. सुबह 11:00 से पहले श्रद्धा भक्ति भाव और पवित्रता के साथ करने पर ही संपूर्ण फल मिलता है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, त्रयोदशी तिथि को ज्ञात अज्ञात सभी पितरों का श्राद्ध कर सकते हैं. आश्विन मास भगवान शिव को समर्पित होता है और प्रदोष तिथि भी भोलेनाथ भगवान शिव को प्रिय होती है. इसलिए इस दिन अपने ज्ञात अज्ञात सभी पितरों का श्राद्ध करने पर उनकी कृपा सदैव बनी रहती है.

नोट : इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए आप हरिद्वार की विद्वान ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री से उनके फोन नंबर 9557125411 और 9997509443 पर संपर्क कर सकते हैं.

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Priyanshu Gupta

Priyanshu Gupta has more than 10 years of experience in journalism. Before News 18 (Network 18 Group), he had worked with Rajsthan Patrika and Amar Ujala. He has Studied Journalism from Indian Institute of Mass…और पढ़ें

Priyanshu Gupta has more than 10 years of experience in journalism. Before News 18 (Network 18 Group), he had worked with Rajsthan Patrika and Amar Ujala. He has Studied Journalism from Indian Institute of Mass… और पढ़ें

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