Sunday, October 12, 2025
24 C
Surat

आर्थिक तंगी में भी ऐसे करें पितरों का श्राद्ध, हरिद्वार के प्रसिद्ध धर्माचार्य से जानें इसका उपाय


हरिद्वार. पितृ पक्षों में अपने पूर्वजों पितरों का श्राद्ध करना बेहद ही जरूरी बताया गया है. यदि उनका श्राद्ध शास्त्रों में बताई गई तिथि पर नहीं किया जाता तो पितरों को शांति नहीं मिलती और वह प्रेत योनि में भटकते रहते हैं जिससे घर में दुख, परेशानी, बीमारियां, कष्ट आदि आते रहते हैं. श्राद्ध पक्ष भाद्रपद की पूर्णिमा से शुरू होते हैं और आश्विन मास की अमावस्या तक पितरों का श्राद्ध करने का विधान बताया गया है. कुल पितृ पक्ष 16 होते हैं जिनमें सभी पितरों के श्राद्ध की तिथि आ जाती है.

ऐसे ही साल 2024 में पितरों के श्राद्ध 17 सितंबर से शुरू होंगे और 2 अक्टूबर तक किए जाएंगे. देश में हर वर्ग के व्यक्ति रहते हैं. जिस व्यक्ति के पास धन का अभाव रहता है या फिर जिसके पास इतना धन नहीं है कि वह अपने पितरों का श्राद्ध कर सके उनके लिए शास्त्रों में कुछ विधि बताई गई है. इस विधि के अनुसार यदि व्यक्ति इस विधि से कार्य करता है तो उसके पितृ नाराज नहीं होते और अशुभ फल प्रदान नहीं करते हैं.

करें ये उपाय
जिन व्यक्तियों के पास अपने पितरों का श्राद्ध करने के लिए धन नहीं होता उन्हें क्या करना चाहिए कि उनके पितृ नाराज ना हो इसकी अधिक जानकारी करने के लिए हमने हरिद्वार के विद्वान धर्माचार्य पंडित मनोज त्रिपाठी से बातचीत की. पंडित मनोज त्रिपाठी ने Bharat.one को बताया कि श्राद्ध श्रद्धा से जुड़ा हुआ है. श्रद्धा पूर्वक अपने पितरों के निमित्त किया गया कार्य श्राद्ध होता है. जिन व्यक्तियों के पास अपने पितरों का श्राद्ध करने के लिए धन ना हो तो वह केवल गाय को हरी घास खरीदकर खिला सकता है जिससे पितृ प्रसन्न होकर अशुभ फल प्रदान नहीं करेंगे.

हे पितरों मेरे पास आपका…
पंडित मनोज त्रिपाठी आगे बताते हैं की यदि कोई व्यक्ति गाय को हरी घास भी खरीदकर नहीं खिला सकता है तो वह पितरों के श्राद्ध के दिन स्नान ध्यान करके सूर्य नारायण को दोनों हाथ उठाकर दिखाते हुए अपने पितरों से कहे की ‘ हे पितरों मेरे पास आपका श्राद्ध करने के लिए केवल मेरा भाव इसे स्वीकार कीजिए’. वह बताते हैं कि अगले साल आने वाले पितृ पक्षों तक आपके पास इतना धन आ जाएगा कि आप अपने पितरों का श्राद्ध विधि अनुसार कर सकेंगे. पितरों का श्राद्ध करने के लिए आपके मन में पूर्ण श्रद्धा भक्ति होनी चाहिए. श्राद्ध पक्षों में पूर्ण श्रद्धा और भक्ति मात्र से ही पितृ प्रसन्न हो जाते हैं.

FIRST PUBLISHED : September 17, 2024, 09:48 IST

Hot this week

Topics

spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img